संगदिल मैं नहीं

चांद से जा मोहब्बत करी चांदनी। रात काली अमावस अकेले रही।। याद में उसके मैं तो तड़पता रहा। वो तो साजन की बांहों में लिपटी रही।। ना कमी कोई मैंने…

मिलन के मजबूरी

जग में ज़िन्दा रहे के बाटे, बात बस एतना जानो! गर्लफ़्रेंड के किस जनी करिहो, बात तू हमरी मानो। मिले जइबो गर्लफ़्रेंड से, लालच अगर बढइबो। छींकत, खासत,लिये करोना, अस्पताल…

आया बसंत

मन में उमंग अति हर्ष लिये। आया बसंत नव वर्ष लिये।। हरी भरी प्राकृति गोंद। चिड़ियों की चहचह हास्य विनोद।। संवरी वसुधा अनगिनत रंग। हस रहे पुष्प भौरों के संघ।।…

मिलन की चाह

चाह थी की मैं तुम्हारे। नैन का अंजन बनूँ।। लालिमा अधरों की तेरे। मांग मध्य सिंदूर बनूं।। कुसमाकर के तरूपल्लव सा। मैं तेरा सिंगार बनूं।। अद्भुत रूप धरूं उपवन में।…

मधुर मिलन

मधुर मिलन की प्रथम रात। जब मयखाने में आई थी।। नई नवेली मधु प्रेमी बन। कुछ सकुची शरमाई थी।। चाहत के घट छलक रहे थे। उमड़ रही उर की हाला।।…

विरहन की व्यथा

राह निहारत रैना बीते। नैना अश्रु बहावे।। पीया बिना सखी निंद न आवे। पल पल याद सतावे।। पतझड़ बीत बसंत आइ गयो। मंद पवन अब डोले।। भौंरा गुंजन करे फूल…