खजुराहो अब बहुत बदल गया

गत 23 अगस्त को दिन में जब मैंने वाहन से खजुराहो (Khajuraho) के लिए प्रस्थान किया तो दशकों पुरानी स्मृतियां ताजी हो गईं। तब मैं अपने गृहनगर इलाहाबाद (अब प्रयागराज)…

Teacher Day: घट रहा है गुरु-शिष्य परंपरा का घनत्व

  Teacher Day: हमारे यहाँ चारों तरफ अनास्था का माहौल पनप रहा है। इसका असर शिक्षा पर भी पड़ा है। परिसरों में गुरु-शिष्य संबंध का घनत्व घट रहा है। उच्च…

वरिष्ठ पत्रकार उमेश उपाध्याय नहीं रहे

-आईआईएमसी के पूर्व महानिदेशक ने कहा- उमेश जी ने वैश्विक मीडिया के भारत विरोधी चेहरे को उजागर किया भोपाल: भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) के पूर्व महानिदेशक प्रो.संजय द्विवेदी ने…

धर्म, विज्ञान और अन्धविश्वास का रहस्य

अंधविश्वास बढ़ रहा है। अंधविश्वास राष्ट्रजीवन के लिए घातक है। परीक्षा में सफलता के लिए लोग ठगने वाले बाबाओं की शरण में जा रहे हैं। देश को वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने…

True Story: महर्षि वाल्मीकि की सच्ची कहानी

True Story: भारत के ऋषियों, महान कवियों और ज्ञानी जनों की महत्ता को न्यून सिद्ध करने के लिए मुगलों से अधिक अंग्रेजों ने षडयन्त्र किये। पाठ्यक्रमों में पढ़ाया गया कि…

Kahani: राजाभोज और व्यापारी

Kahani: यह एक मनोवैज्ञानिक सत्य है कि जैसा भाव हमारे मन में होता है वैसा ही भाव सामने वाले के मन में आता है। इस सबंध में एक ऐतिहासिक घटना…

Kavita: चीजों को सुलझाना

चीजों को सुलझाना जिंदगी भर चलता रहेगा, आरंभ में दूध की बोतल खोजोगे खिलौनों की भीड़ में, फिर पंतग की उलझी हुई डोर सुलझाओगे जवानी में सुलझाते रहोगे रोजी रोटी…

Pauranik Katha: माखन चोर लड्डू गोपाल की लीला

Pauranik Katha: किसी गांव में मक्खन बेचने वाला एक व्यापारी मक्खन लाल रहता था। वह स्वभाव से बहुत कंजूस था, लेकिन जो भी काम करता था बड़ी मेहनत और ईमानदारी…

Kavita: रग रग में पीड़ा बहती है

रग रग में पीड़ा बहती है, जो चिर जीवन तक रहती है। जगजीव, मनुष्य की देह सदा, क्षण क्षण पल प्रतिपल ढहती है।। कर्मों का फल तो मिला नहीं, इस…

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