Kahani: भरोसा

Kahani: पंचायत चुनाव की तारीख अभी मुकर्रर नहीं हुई थी। आरक्षण में लोग अटकलें लगा रहे थे कि इस बार कौन सी सीट आएगी। लोग उत्साह और ख्वाबों में प्रधान…

Kahani: दस रुपये के बदले तेरह लाख

Kahani: सेठ ने अभी दुकान खोली ही थी कि एक औरत आई और बोली, सेठ जी, ये लीजिए आपके दस रुपये। सेठ ने उस गरीब-सी औरत को प्रश्नवाचक नज़रों से…

Kahani: विश्वास

Kahani: एक व्यक्ति की नई-नई शादी हुई और वो अपनी पत्नी के साथ वापस आ रहा था। रास्ते में वो दोनों एक बडी झील को नाव के द्वारा पार कर…

Kahani: तभी तो

Kahani: एक साधु बाबा विचरण करते हुए एक नगरी में आ पहुंचे। उन्होंने देखा की यहां की प्रजा बहुत संपन्न और खुशहाल है और अपने राजा का बहुत सम्मान करती…

Kahani: खाली पीपे

Kahani: एक बहुत बड़ा सौदागर नौका लेकर दूर-दूर के देशों में लाखों-करोड़ों रुपए कमाने के लिए जाता रहता था। एक दिन उसके मित्रों ने उससे कहा- तुम नौका में घूमते…

Kahani: कर्मों की दौलत

Kahani: एक राजा था जिसने ने अपने राज्य में क्रूरता से बहुत सी दौलत इकट्ठा करके (एक तरह शाही खजाना ) आबादी से बाहर जंगल एक सुनसान जगह पर छिपा…

Kahani: एक छोटी सी अच्छी आदत

Kahani: पुराने समय में दो दोस्त थे। बचपन में दोनों साथ पढ़ते और खेलते थे। पढ़ाई पूरी होने के बाद दोनों दोस्त अपने-अपने जीवन में व्यस्त हो गए। एक दोस्त…

Pauranik Katha: सूर्य आराधना का अद्भुत फल

Pauranik Katha: महाराज सत्राजित का भगवान भास्कर में स्वाभाविक अनुराग था। उनके नेत्र कमल तो केवल दिन में भगवान सूर्य पर टकटकी लगाये रहते हैं, किंतु सत्राजित की मनरूपी आंखें…

Kahani: लालच का फल

Kahani: किसी गांव में एक गड़रिया रहता था। वह लालची स्वभाव का था। हमेशा यही सोचा करता था कि किस प्रकार वह गांव में सबसे अमीर हो जाये। उसके पास…

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