Pauranik Katha: कैसे शुरू हुए कृष्ण और शुक्ल पक्ष, जानें महत्व
Pauranik Katha: पंचांग के अनुसार हर माह में तीस दिन होते हैं और इन महीनों की गणना सूरज और चंद्रमा की गति के अनुसार की जाती है। चन्द्रमा की कलाओं…
Pauranik Katha: पंचांग के अनुसार हर माह में तीस दिन होते हैं और इन महीनों की गणना सूरज और चंद्रमा की गति के अनुसार की जाती है। चन्द्रमा की कलाओं…
Pauranik Katha: जो ईश्वर का भक्त होता है, उसका स्वामी ईश्वर होता है। उस पर काल (मृत्यु) का अधिकार नहीं होता। अनधिकार चेष्टा करने से काल की भी मृत्यु हो…
Pauranik Katha: वैदिककाल की बात है। सप्त ऋषियों में से एक ऋषि हुए है महर्षि वशिष्ठ। महर्षि वशिष्ठ राजा दशरथ के कुलगुरु और श्रीराम के आचार्य थे। उन दिनों महर्षि…
Pauranik Katha: रावण ने जब माँ सीता जी का हरण करके लंका ले गया तब लंका मे सीताजी वट वृक्ष के नीचे बैठ कर चिंतन करने लगी। रावण बार-बार आकर…
जगत के भौतिक विकास का काँचन स्वरूप कभी भी स्थाई नहीं रहा हैं। आगे भी नहीं रहेगा। कामिनी और कंचन के प्रभाव में जगत की काया तभी तक चमक पाती…
Astrology: ज्योतिष व वास्तु के अनुसार घर में रसोई घर का विशेष महत्व है। वास्तु कहता है कि रसोई में खाना बनाने और घर के सदस्यों द्वारा भोजन करते वक्त…
Pauranik Katha: क्षीरसागर में भगवान विष्णु शेष शैया पर विश्राम कर रहे हैं और लक्ष्मीजी उनके पैर दबा रही हैं। विष्णुजी के एक पैर का अंगूठा शैया के बाहर आ…
Shani Jayanti 2025: हिंदू धर्म में शनि जयंती बहुत महत्वपूर्ण माना है, जो हर वर्ष ज्येष्ठ माह की अमावस्या के दिन भक्ति भाव से मनाई जाती हैं। शनि देव के…
Vat Savitri: अखंड सौभाग्य का नैसर्गिक अनुष्ठान ही सनातन संस्कृति का संकल्प है। यह अखंड समस्त सृष्टि के लिए संकल्पित है। सृष्टि की समग्र ऊर्जा को विधाता ने नारी तत्व…
Vastu Shastra: किसी भी वास्तु में नौ ग्रहों का आधिपत्य होता है एवं वास्तु में इनका स्थान निश्चित कोण पर होता है। इसी प्रकार प्रत्येक दिशा के देवता भी अलग-अलग…