Kahani: निर्दोष को दंड

Kahani: बहुत समय पहले हरिशंकर नाम का एक राजा था। उसके तीन पुत्र थे और अपने उन तीनों पुत्रों में से वह किसी एक पुत्र को राजगद्दी सौंपना चाहता था।…

Kavita: कुम्भ सफल हो झण्डा लेकर

कुम्भ सफल हो झण्डा लेकर थैला थाली और गिलास। स्वच्छ कुम्भ का परिसर सारा सुरक्षित पर्यावरण विकास।। गांव गांव में करें जागरण नव चैतन्य का ले प्रकाश। घर से चलें…

Kahani: मूर्तिकार का अहंकार

Kahani: बहुत समय पहले की बात है, एक गाँव में एक मूर्तिकार (मूर्ति बनाने वाला) रहता था वह ऐसी मूर्तियाँ बनता था, जिन्हें देख कर हर किसी को मूर्तियों के…

शब्द की अपनी सत्ता होती है

शब्द सामाजिक संपदा हैं। हरेक भाषा में शब्द हैं। प्राचीन काल में शब्द बोले जाते थे। सुने जाते थे। तब लिपि की खोज नहीं हुई थी। बोले और सुने गए…

Kahani: हंस और कौआ

Kahani: पुराने जमाने में एक शहर में दो ब्राह्मण पुत्र रहते थे, एक गरीब था तो दूसरा अमीर। दोनों पड़ोसी थे। गरीब ब्राह्मण की पत्नी उसे रोज़ ताने देती झगड़ती।…

Kahani: चित्रकार की गलती

Kahani: किसी नगर में एक प्रसिद्ध चित्रकार रहता था। देश-विदेश से उसकी चित्र प्रदर्शनी देखने हजारों लोग आते थे और उसके काम की प्रशंसा करते नहीं थकते थे। एक बार…

Kavita: शुभ संकेत

भारत फिर से जाग रहा है विघटन दुर्गुण भाग रहा है। जगे रक्त वंश संबन्ध पुराने पुरखों का युग मांग रहा है।। तुर्क मुगल हैं नहीं हमारे मति भ्रम से…

Pauranik Katha: सरयू की कैसे हुई उत्पत्ति

Pauranik Katha: सरयू की उत्पत्ति के संबंध में ऐसी कथा प्राप्त होती है कि एक बार राजा इक्ष्वाकु ने वशिष्ठ जी से यह इच्छा प्रकट की कि इतनी बड़ी अयोध्या…