अखबारों में उपेक्षित हो रही है भाषा

लगभग सात दशक पूर्व पुरानी हिंदी निखरकर अपने वर्तमान रूप में आ चुकी थी। वैसे, उस समय दैनिक ‘भारत’ में मेरे एक वरिष्ठ सहयोगी विश्वम्भरनाथ जिज्जाजी थे, जिनकी उस समय…

वन्देमातरम के 150 वर्ष: राष्ट्र भूमि की चेतना का स्वर

वंदे अर्थात वंदना और मातरम् शब्द का अर्थ है माँ, अर्थात वह जिसने जन्म दिया। कौन और किसको? भारतीय चिंतन, दर्शन, लोक और ज्ञान परंपरा के अनुसार उत्तर है, मुझे,…

वस्त्र विन्यास और वेशभूषा से कोई स्त्री साध्वी नहीं हो सकती

साध्वी शब्द आजकल बहुत प्रचलन में है। वस्त्र विन्यास और वेशभूषा आदि के प्रदर्शन के आधार पर सामान्य जन किसी स्त्री को साध्वी मान लेते हैं और स्थापना भी दे…

Poetry: हकीकत

इतना ही लो प्याली में, समा न जाओ नाली में। चुंबन-जैसी लगती है, प्यार भरा है गाली में। जोश दिला देती है वो, इतनी ताकत ताली में। वृक्षों में जीवन…

Poetry: कलम और कवि का संवाद

( कलम ) कवि! तेरा क्या बिगड़ा है, तू क्यों इतना हारा है? क्यूँ हर बार विरह का गीत, लिखता, कलम से सारा है? क्यूँ न लिखता प्रेम कहानी, क्यूँ…

Poem: थे गाँव हमारी पाठशाला

थे गाँव हमारी पाठशाला, जिसमें हम पढ़कर बड़े हुए। संस्कृति सभ्यता संस्कार सीख, स्व तंत्र स्वाभिमान ले खड़े हुए।। था सुरम्य हमारा गाँव जहाँ, परिवार भाव घर-घर पलता। छोटे-बड़े समादर…

Chhathi Maiya: कौन हैं ‘छठी मईया’ और कैसे हुआ छह मातृ शक्तियों से कार्तिकेय का जन्म

Chhathi Maiya: दीपावली के बाद आने वाले छठ पूजा के दौरान, हम जिस ‘छठी मईया’ की पूजा करते हैं, उनकी उत्पत्ति और पहचान भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय के जन्म…

Kahani: भरोसा

Kahani: पंचायत चुनाव की तारीख अभी मुकर्रर नहीं हुई थी। आरक्षण में लोग अटकलें लगा रहे थे कि इस बार कौन सी सीट आएगी। लोग उत्साह और ख्वाबों में प्रधान…

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