Kavita: कान्हा! मैं कभी तुम्हारे साथ

कान्हा! मैं कभी तुम्हारे साथ, अकेली नहीं हो पाई! हमेशा कमरे मे मैंने राधा को तुम्हारे साथ महसूस किया है हमारे सह वास में वह किसी खिड़की से देखती है…

Pauranik Katha: प्रकाण्ड विद्वान अष्टावक्र

Pauranik Katha: अष्टावक्र इतने प्रकाण्ड विद्वान थे कि माँ के गर्भ से ही अपने पिताजी “कहोड़” को अशुद्ध वेद पाठ करने के लिये टोंक दिए, जिससे क्रुद्ध होकर पिताजी ने…

Kavita: लक्ष्मणपुर की जीवन रेखा

लक्ष्मणपुर की जीवन रेखा, क्या कहती आज विचार करें। समझें जल प्रवाह को उसके, गौरव ज़न मन में संचार करें।। जागे समाज और करे ध्यान, है गोमती गौरव का अभियान।।…

Kahani: किसान की बेटी और नौजवान

Kahani: एक किसान की बहुत ही सुन्दर बेटी थी। एक नौजवान लड़का उस किसान की बेटी से शादी की इच्छा लेकर किसान के पास आया। उसने किसान की बेटी से…

Kavita: ख्वाबों को टालते लड़के

उम्मीदें सबकी संभालते हुए ख्वाबों को टालते लड़के, पूरा ही खर्च हो जाते हैं खुद का समय निकालते लड़के घर का खाना, पिता की तबीयत यही जांचते लड़के, कुछ और…

Kahani: अहंकारी कौआ

Kahani: समुद्र तट के किसी नगर में एक धनवान वैश्य के पुत्रों ने कौआ पाल रखा था। वह उस कोए को बार-बार अपने भोजन से बचे अन्न देते थे। उनकी…