Pauranik Katha: मर्यादा और संयम की प्रतीक माँ सीता

Pauranik Katha: रावण ने जब माँ सीता जी का हरण करके लंका ले गया तब लंका मे सीताजी वट वृक्ष के नीचे बैठ कर चिंतन करने लगी। रावण बार-बार आकर…

kahani: मुक्ति

kahani: एक दिन एक राजा ने राजपंडित को बुलाया और उसे बहुत सख्ती से आदेश दिया कि राजा परीक्षित ने सुखदेव से भगवत गीता सुनकर मोक्ष प्राप्त किया था। उन्हें…

Kahani: ऊँची उड़ान

Kahani: गिद्धों का एक झुण्ड खाने की तलाश में भटक रहा था। उड़ते-उड़ते वह एक टापू पर पहुँच गए। वह जगह उनके लिए स्वर्ग के समान थी। हर तरफ खाने…

Pauranik Katha: नल दमयंती

Pauranik Katha: विदर्भ देश में भीष्मक नाम के एक राजा राज्य करते थे। उनकी पुत्री का नाम दमयन्ती था। दमयन्ती लक्ष्मी के समान रूपवती थी। उन्हीं दिनों निषध देश में…

Prerak Prasang: एक ही घड़ी मुहूर्त में जन्म लेने पर भी सबके कर्म और भाग्य क्यों होते हैं अलग-अलग

Prerak Prasang: एक बार एक राजा ने विद्वान ज्योतिषियों की सभा बुलाकर प्रश्न किया कि मेरी जन्म पत्रिका के अनुसार मेरा राजा बनने का योग था, मैं राजा बना, किन्तु…

Kahani: सच्ची खुशी ईमानदारी और मेहनत में

Kahani: एक कसाई के घर एक बकरा और एक कुत्ता था। कसाई बकरे को हर दिन हरी-हरी घास खिलाता, साफ-सुथरी जगह पर रखता और उसकी देखभाल करता। अब बकरा देखो…

Kahani: संन्यासी की जड़ी-बूटी

Kahani: बहुत समय पहले की बात है, एक वृद्ध संन्यासी हिमालय की पहाड़ियों में कहीं रहता था। वह बड़ा ज्ञानी था और उसकी बुद्धिमत्ता की ख्याति दूर-दूर तक फैली थी।…

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