नववर्ष द्वार है खड़ा तुम्हारे,
प्रकृति ने उसे सजाया है।
है पृथ्वी का प्राकट्य दिवस,
जग को बतलाने आया है।।

चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर्व,
श्री सम्पदा साथ में लाया है।
सूर्य ताप को साथ संजोए,
जग को सरसाने आया है।।

अन्नपूर्णा भूमि प्रफुल्लित,
कृषि वन बागों नें दर्शाया है।
सभी प्राणियों के हित में,
वर्षा विधान संग लाया हैII

स्वागत करें संकल्प बद्ध,
विधि ने शुभ इसे बनाया है।
सुख समृद्धि का मार्ग सँवारें,
ऋषियों ने श्रुति में गाया है।।

-बृजेंद्र पाल सिंह

राष्ट्रीय संगठन मंत्री लोकभारती

9415018456, 9670041751

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