Kavita: नववर्ष द्वार है खड़ा तुम्हारे

नववर्ष द्वार है खड़ा तुम्हारे, प्रकृति ने उसे सजाया है। है पृथ्वी का प्राकट्य दिवस, जग को बतलाने आया है।। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर्व, श्री सम्पदा साथ में लाया है।…

Kavita: किसी को किसी से फर्क नहीं पड़ता

किसी को किसी से फर्क नहीं पड़ता दांव लगाने वाला भी शर्त नहीं पढ़ता गोरखधंधों से कमाने वाला इंसान जरूरतमंदों पर खर्च नहीं करता गीता, बाईबल, ग्रंथ, कुरान पढ़ने वाला…

Poem: मैंने देखा है फिल्मों में

मैंने देखा है फिल्मों में वो लड़के जो बना करते हैं एक टूटी सी लड़की का सहारा कन्धा कहलाये जाते हैं। मारते हैं फटीक वो अपनी ही मोटरसाइकिलों पे बैठाकर…

Poetry: राम का उत्सव मनाने

राम का उत्सव मनाने बढ़ रहा है विश्व सारा। कर्तव्य पथ पर हम बढ़ें सौभाग्य युग है हमारा।। प्रेरणा के दीप हम हों विश्व में जगमग उजाला। आनन्दमय वातावरण हो…

Poem: जाग रहा भारत फ़िर से

जाग रहा भारत फ़िर से हम जागें, कर पायें सद कर्म प्रभु से यह मांगें। पावन अतीत की थाती का गौरव ले, स्वर्णिम भवितव्य रचायें भ्रम भागें।। गति में मन…

Kavita: राष्ट्र भक्ति का भाव

राष्ट्र भक्ति का भाव लिये हम आगे बढ़ते जायें l संघ मंत्र के बने पुरोधा समरस ज्योति जलायें ll सिंधु हिमालय से लेकर हिन्दु सागर तक एक l सभी उरों…

Kavita: एक दृष्टि

हरिशंकरी रोपित करो बनो हरियाली के मित्र जलवायु भी ठीक हो बदले धरती का चित्र बदले धरती का चित्र ताप भी कम हो जाये मानवता के साथ ही पशु पक्षी…

Poem: द केरल स्टोरी

केरला स्टोरी देखिए करिए दृढ़ संकल्प संस्कार दृढ़ नेम हों न छूटे कोई विकल्प शिक्षा ऊंची चाहिए आंख खोल कर देख मर्यादा टूटे न कभी खींचो लक्ष्मण रेख हो विकास…

Poem: सोचो! और विचार करो

बृजेंद्र क्या योगदान तुम्हारा है। सर्वोच्च ज्ञान सम्पदा पूर्ण फिर भारत क्यों हारा है।। भारत कटता छटता रहा हम रहे सिकुड़ कर मौन। इसका अपराधी कौन है सोचो! है उत्तरदायी…

Poetry: संघर्षों में भी जो प्रसन्न

स्वप्न संजोए आंखों में, संकल्प लिए आगे बढ़ता। संघर्षों में भी जो प्रसन्न, नित नई सीढ़ियां चढ़ता।। धैर्यवान प्रेरणा पुंज। जीवन अनुपम वरदान। कथा सदा ही याद रहे, संकल्प जिनका…

Other Story