किसी को किसी से फर्क नहीं पड़ता
दांव लगाने वाला भी शर्त नहीं पढ़ता

गोरखधंधों से कमाने वाला इंसान
जरूरतमंदों पर खर्च नहीं करता

गीता, बाईबल, ग्रंथ, कुरान पढ़ने वाला
केवल शब्द पढ़ता है, अर्थ नहीं पढ़ता

इस आभासी दुनिया में जुड़ा है तू इस तरह
सामने तो होता है मगर, संपर्क नहीं करता

पुराने पापों का हवाला रहता है मुश्किलों के पत्र में
मगर इंसान मात्र विषय पढ़ता है, संदर्भ नहीं पढ़ता

-रूपकुमार राय

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