Lok Sabha Elections 2024: राजनीति में कोई किसी का सगा नहीं होता। अवसरवाद की राजनीति में कब कौन किस साथी के पैर के नीचे की जमीन खिसका दे कुछ कहा नहीं जा सकता। उत्तर प्रदेश के गोंडा जनपद के कैसरगंज लोकसभा सीट पर कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिल रहा है। बीजेपी जहां अपने विवादित सांसद बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Singh) को लेकर उहापोह की स्थिति में हैं, वहीं ठेकेदार से नेता बने करनैलगंज से विधायक अजय सिंह (Ajay Singh) बृजभूषण सिंह का विकल्प बनने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं। कहा यह भी जा रहा है कि बीजेपी इस बार बृजभूषण सिंह (Brij Bhushan Singh) की जगह अजय सिंह (Ajay Singh) को कैसरगंज से लोकसभा प्रत्याशी बना सकती है।

बहुत कम समय में राजनीतिक रसूख हासिल करने वाले विधायक अजय सिंह (Ajay Singh) को बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Singh) का काफी करीबी माना जाता है। कहा जाता है कि यूपी विधानसभा चुनाव में अजय सिंह (Ajay Singh) को टिकट दिलाने से लेकर जीत दिलाने तक में बृजभूषण सिंह ने काफी मदद की थी। वहीं अब चर्चा यह है कि अजय सिंह इस ताक में हैं कि पार्टी बृजभूषण (Brij Bhushan Singh) की जगह उन्हें कैसरगंज से लोकसभा प्रत्याशी घोषित कर दे। इसके लिए वह पार्टी के कद्दावर नेताओं के संपर्क में बने हुए हैं। राजनीतिक जानकारों की मानें तो बीजेपी कैसरगंज लोकसभा सीट से अजय सिंह के नाम को तय कर चुकी है और जल्द ही उनके नाम का ऐलान कर सकती है।

बृजभूषण की राजनीतिक रसूख पर ग्रहण

गोंडा के कैसरगंज लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद की पहचान देश के शीर्ष नेताओं में होती है। उनकी दबंगई के कई किस्से काफी मशहूर हैं। बेबाक राय और दबंगई बृजभूषण शरण सिंह की पहचान रही है। वे ऐसे नेता हैं जिन्होंने मंच पर खिलाड़ियों से हाथापाई करने में कोई गुरेज नहीं किया। इतना ही नहीं सुशासन की दंभ भरने वाली योगी आदित्यनाथ की सरकार में कई ऐसे मौके आए जब उन्होंने कानून व्यवस्था को खुली चुनौती दे डाली। अभी हाल में बिना अनुमति के उन्होंने शक्ति प्रदर्शन कर कानून व्यवस्था की जो धज्जियां उड़ाई है, उससे बीजेपी खुद आहत नजर आ रही है।

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बुरे होकर भी अच्छे हैं बृजभूषण

बृजभूषण शरण सिंह कानून से हमेशा चार कदम आगे रहते हैं। शायद यही वजह है कि कई गंभीर आरोपों में मुकदमा दर्ज होने के बावजूद भी आज तक एक भी मामले में उन्हें दोषी नहीं ठहराया जा सका है। जिस आरोप में तत्काल गिरफ्तारी का प्रावधान है, ऐसे मामले में देश के पहलवानों के प्रदर्शन के बावजूद भी उनकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी। फिलहाल जो जनता उनके अपराधों की कहानी सुनाती है, उसी जनता की अदालत में बृजभूषण जीतते आ रहे हैं। यही वजह है कि बीजेपी बृजभूषण शरण सिंह से किनारा करने में संकोच कर रही है। मजे की बात यह है कि विपक्षी पार्टियां भी बृजभूषण पर गीद्ध दृष्टि लगाए बैठी हैं। उन्हें यह उम्मीद है कि बीजेपी अगर बृजभूषण का टिकट काटती है तो वह उनके पाले में आ सकते हैं।

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