Newsclick: पुलिस कानून का पालन कराने से ज्यादा उसके दुरुपयोग को लेकर अक्सर चर्चा में बनी रहती है। शायद यही वजह है कि पुलिस से अपराधी से ज्यादा सामान्य व्यक्ति डरता है। ऐसे ही एक मामले में दिल्ली पुलिस को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से तगड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) मामले में दिल्ली पुलिस की तरफ गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर सुनवाई के बाद न्यूज़क्लिक (Newsclick) के संपादक प्रबीर पुरकायस्थ (Prabir Purkayastha) को रिहा करने का आदेश दिया। मामले में सुनवाई करते हुए जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने कहा कि पुलिस की तरफ से रिमांड कॉपी उपलब्ध नहीं कराई गई और इससे गिरफ्तारी प्रभावित हुई और गिरफ्तारी ‘शून्य’ है।

सुप्रीमकोर्ट ने न्यूज़क्लिक (Newsclick) के प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ (Prabir Purkayastha) की गिरफ्तारी और रिमांड को अमान्य कर दिया है। बता दें कि दिल्ली पुलिस ने पिछले वर्ष यूएपीए के तहत प्रबीर पुरकायस्थ (Prabir Purkayastha) को गिरफ्तार किया था। मामले में आरोप पत्र दाखिल होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें तत्काल जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही ट्रायल कोर्ट जमानत की शर्तें लगाएगा।

क्या है मामला?

गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गत वर्ष 3 अक्टूबर को न्यूज़क्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ और चक्रवर्ती पर गंभीर आरोप लगाते हुए गिरफ्तार किया था। आरोप था कि “भारत की संप्रभुता को बाधित करने” और देश के खिलाफ असंतोष पैदा करने के लिए समाचार पोर्टल को बड़ी मात्रा में चीन से धन आया था। इसमें एक आरोप यह भी था कि पुरकायस्थ ने 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए एक समूह- पीपुल्स अलायंस फॉर डेमोक्रेसी एंड सेक्युलरिज्म (पीएडीएस) के साथ साजिश रची।

इसे भी पढ़ें: विश्व का प्रथम विश्वविद्यालय तक्षशिला

दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को यह भी बताया है कि न्यूज़क्लिक के संस्थापक और प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ ने 2020 के दिल्ली दंगों को भड़काने और बनाए रखने, कोविड-19 को लेकर दुष्प्रचार अभियान चलाने, किसानों के विरोध प्रदर्शन को भड़काने और खुले तौर पर शामिल होने के लिए चीन से भारत में धन का प्रवाह किया।

इसे भी पढ़ें: बच्चे ने दी मानवता की सीख

Spread the news