Pauranik Katha: प्रकाण्ड विद्वान अष्टावक्र

Pauranik Katha: अष्टावक्र इतने प्रकाण्ड विद्वान थे कि माँ के गर्भ से ही अपने पिताजी “कहोड़” को अशुद्ध वेद पाठ करने के लिये टोंक दिए, जिससे क्रुद्ध होकर पिताजी ने…

Kahani: किसान की बेटी और नौजवान

Kahani: एक किसान की बहुत ही सुन्दर बेटी थी। एक नौजवान लड़का उस किसान की बेटी से शादी की इच्छा लेकर किसान के पास आया। उसने किसान की बेटी से…

Kahani: अहंकारी कौआ

Kahani: समुद्र तट के किसी नगर में एक धनवान वैश्य के पुत्रों ने कौआ पाल रखा था। वह उस कोए को बार-बार अपने भोजन से बचे अन्न देते थे। उनकी…

Pauranik Katha: भक्तों के लिए भोले और दुष्टों के लिए महाकाल है शिव

Pauranik Katha: संसार में भगवान की भक्ति सुख और शान्ति प्राप्त करने का अमोघ साधन है। इससे उत्तम साधन और कोई नहीं है, क्योंकि भक्त को ईश्वर का आश्रय रहता…

Kahani: पाप और पुण्य

Kahani: गाँव के बीच शिव मन्दिर में एक संन्यासी रहा करते थे। मंदिर के ठीक सामने ही एक वेश्या का मकान था। वेश्या के यहाँ रात−दिन लोग आते−जाते रहते थे।…

Kahani: माँ

Kahani: मां वो विधवा थी पर श्रृंगार ऐसा कर के रखती थी कि पूछो मत। बिंदी के सिवाय सब कुछ लगाती थी। पूरी कॉलोनी में उनके चर्चे थे। उनका एक…

Kahani: सेठ धनीराम

Kahani: एक गांव में एक बहुत बड़ा धनवान व्यक्ति रहता था। लोग उसे सेठ धनीराम कहते थे। उस सेठ के पास प्रचुर मात्रा में धन संपत्ति थी, जिसके कारण उसके…

Kahani: हमसे आगे हम

Kahani: टीचर ने सीटी बजाई और स्कूल के मैदान पर 50 छोटे छोटे बालक-बालिकाएँ दौड़ पड़े। सबका एक लक्ष्य। मैदान के छोर पर पहुँचकर पुनः वापस लौट आना। प्रथम तीन…

Kahani: क्योंकि हमारा घर एक है

Kahani: हम दो भाई एक ही मकान में रहते हैं, मैं पहली मंजिल पर और भैया निचली मंजिल पर। पता नहीं हम दोनों भाई कब एक-दूसरे से दूर होते गए,…

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