Pauranik Katha: जानें श्राप और वरदान का रहस्य

Pauranik Katha: हम पौराणिक कथाओं में प्रायः यह पढ़ते-सुनते आये हैं कि अमुक ऋषि ने अमुक साधक को वरदान दिया या अमुक असुर को श्राप दिया। जन साधारण को या…

Kahani: सब कुछ तुम्हारे हाथ में है!

Kahani: एक आदमी रेगिस्तान से गुजरते वक़्त बुदबुदा रहा था, कितनी बेकार जगह है ये, बिलकुल भी हरियाली नहीं है…और हो भी कैसे सकती है यहाँ तो पानी का नामो-निशान…

Kavita: मेरी मां को

मेरी मां को तस्वीर के लिए मुस्कुराना नहीं आता मैं जैसे ही खोलती हूं कैमरा वो झेंपने लगती हैं शर्माती हैं आठवीं कक्षा की लड़की सी दो तीन बार पल्लू…

Kahani: अति वाचालता का दुष्परिणाम

Kahani: एक राजा बहुत अधिक बोलता था। उसका मंत्री विद्वान और हितचिन्तक था। इसलिये वह सोचता रहता था कि राजा को कैसे इस दोष से मुक्त करूँ और वह ज्ञान…

Kavita: नववर्ष द्वार है खड़ा तुम्हारे

नववर्ष द्वार है खड़ा तुम्हारे, प्रकृति ने उसे सजाया है। है पृथ्वी का प्राकट्य दिवस, जग को बतलाने आया है।। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर्व, श्री सम्पदा साथ में लाया है।…

Kahani: भक्त के लिए भगवान का उपहार

Kahani: ईश्वर अपने हर भक्त को एक प्यार भरी जिम्मेदारी सौंपता है और कहता है इसे हमेशा सम्भाल का रखा जाय। लापरवाही से इधर-उधर न फेंका जाय। भक्तों में से…

Kahani: हृदय में भगवान

Kahani: यह घटना जयपुर के एक वरिष्ठ डॉक्टर की आपबीती है, जिसने उनका जीवन बदल दिया। वह हृदय रोग विशेषज्ञ हैं। उनके अनुसार, एक दिन मेरे पास एक दंपत्ति अपनी…

Kavita: मुनिया कॉलेज जाना चाहती थी

मुनिया कॉलेज जाना चाहती थी मगर “गोल-गोल फूली हुई रोटी बनाना सीख लेना भी कोई पढ़ाई लिखाई से कम है क्या?” ऐसा आजी कहती है। बबुआ सपना बहुत देखता है!…

Kahani: ये कांच है हीरा नहीं

Kahani: एक राजमहल में कामवाली और उसका बेटा काम करते थे। एक दिन राजमहल में कामवाली के बेटे को हीरा मिलता है। वो माँ को बताता है। कामवाली होशियारी से…

Kavita: बहुत उदास मन

बहुत उदास मन नहीं लिख पाता सुंदर कविताएँ ना ही गुनगुना पाता है कोई मधुर गीत जो दे सके सुकून अंतरात्मा को बहुत उदास मन चाहता है मुक्ति स्वयं की…