महानायक हैं ‘जेपी’ सर

महानायक हैं ‘जेपी’ सर, सदा उपकार हैं करते। जलाकर ज्ञान का दीपक, तिमिर का नाश हैं करते।। ये लेखक हैं बड़े बेहतर, साहित्य से प्रेम हैं करते। कवि हैं मंच…

मेरे प्रियतम तुम सावन में

मुरझाते उपवन को प्रियतम, रसवती कर जाओ। कोमल कंज खिलूँ बन जिसमें, तुम पुष्कर बन जाओ।। नैन थके हैं राह निहारत, रिक्त प्रेम का है प्याला। विरह अग्नि में तपते…

लेखक की पीड़ा

पहचान बड़ी मुश्किल उनकी, जिनकी यह चाह रही है। फ़ेसबुक पर चोरी करना, जिनका बस काम यही है। रात-रात भर पता करें, ये जगते रोज दिखेंगे, किसी वाल के कवि…

आंधियों में ओ मुसाफिर अनवरत चलना पड़ेगा

वक्त यह जैसा कहेगा अब तुम्हें ढलना पड़ेगा आंधियों में ओ मुसाफिर अनवरत चलना पड़ेगा लाख बाधायें भले ही अब तुम्हें आकर डरायें हों भले अवरोध कितने पग न लेकिन…

विरह की वेदना

परदेश गये मोहे छोड़ पिया। सेजीया सूनी मन खिन्न किये।। काटे ना कटे विरहन रतियाँ। आँगन नागिन के सेज लगे।। सौतन बन कर कंगना खनके। पायल बाजे बेड़ी बन कर।।…

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