Poetry: अर्द्धांगिनी
मैं सदा रहूंगा ऋणी तेरा, है जब-तक तन में प्रान प्रिये! कलम लिखेगी क्या उसको, है तुमने जो एहसान किये।। भटका हुआ एक, पथिक था मैं, तुमने मंजिल का सार…
मैं सदा रहूंगा ऋणी तेरा, है जब-तक तन में प्रान प्रिये! कलम लिखेगी क्या उसको, है तुमने जो एहसान किये।। भटका हुआ एक, पथिक था मैं, तुमने मंजिल का सार…
शोर मचाओ बरसो सावन, आज तुम हमरी अँगना। आज हुई रे मैं तो बावरी, घर आये मोर सजना।। मन बगिया की कली खिली है, उठे महक चहु ओर। नाच रही…
बरसे सावन झूम-झूम के, पुरुआ के संग कजरी गाये। प्रेयसी के अंतर्मन में, प्रेम मिलन की आस जगाये।। ह्रदय तल के मौन भाव में, प्रेम नीर बनकर बरसे। पिया मिलन…
पता नही क्यूं! आजकल, तुम्हारी याद आ रही है। ना चहते हुए भी, तेरी याद, दिला रही है।। साथ खेलना, साथ घूमना, एक साथ स्कूल जाना। तेरा रूठना मेरा मनाना,…
रिमझिम रिमझिम बरस रही, बारिश की बूँदे प्यारी। हरे भरे हैं वृक्ष सभी, मुस्कातीं बगिया सारी।। धीरे-धीरे डोल रही है, अल्हड़ मस्त हवाएं। अनुराग हुआ उन्मुक्त हृदय, हम कैसे इसे…
एकबार की बात है कि श्री कृष्ण और अर्जुन कहीं जा रहे थे। रास्ते में अर्जुन ने श्री कृष्ण से पूछा कि प्रभु- एक जिज्ञासा है मेरे मन में, अगर…
लखनऊ: भारतीय समाज-शास्त्र एक ओर सैद्धान्तिक तौर पर नारी को आदर और सम्मान का पात्र घोषित करता है और “यत्र नार्यन्ति पूज्यंते तत्र रमन्ते देवता” जैसी उद्घोषणाएँ करता है तो…
हर तरफ दर्द का समन्दर है। ऐ खुदा कौन सा ये मंजर है। मुल्क में बेबसी का है पहरा। और सोया हुआ कलन्दर है। मुश्किलों से जो हारकर बैठे। कैसे…
नहीं पता कब हो जायेगी, इस जीवन की शाम। मानवता के पथ पर चलकर, आओ सबके काम। तन का जब तक साथ निभाये, सांसों की ये डोर। तब तक बनो…
वक्त यह जैसा कहेगा अब तुम्हें ढलना पड़ेगा आंधियों में ओ मुसाफिर अनवरत चलना पड़ेगा लाख बाधायें भले ही अब तुम्हें आकर डरायें हों भले अवरोध कितने पग न लेकिन…