अटल बिहारी बाजपेई की यादों को आज भी संजोए हुए है पूर्व विधायक बाबूलाल श्रीवास्तव का घर परिवार

1962 के चुनाव में बाबूलाल श्रीवास्तव के घर आए थे अटल जी  बाबूलाल जी के परिवार के साथ घर पर किया था भोजन  1962 के चुनाव में नगर के प्रताप…

जीवन एक सफ़र

सफ़र बहुत ख़ुशनुमा था। रास्ते में किसी तरह का व्यवधान नहीं पड़ा। मंज़िल भी बहुत दूर नहीं थी कि गाड़ी की गति बहुत धीमी हो गयी। तब तक मुझे अहसास…

वरिष्ठ नागरिकों के लिए होगा ‘अनुभव’ नामक रेडियो सीरीज का प्रसारण

नई दिल्ली: राष्ट्रीय प्रेस ​दिवस के अवसर पर मंगलवार को भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने ‘अपना रेडियो 96.9 एफएम’ द्वारा वरिष्ठ नागरिकों के लिए…

हिंदी: राजभाषा, राष्ट्रभाषा और विश्वभाषा

(अखिल भारतीय राजभाषा सम्मेलन, वाराणसी (13-14 नवंबर) के अवसर पर विशेष) एक भाषा के रूप में हिंदी न सिर्फ भारत की पहचान है, बल्कि हमारे जीवन मूल्यों, संस्कृति और संस्कारों…

प्रो. बलदेव भाई शर्मा पर केंद्रित पुस्तक का लोकार्पण 12 नवंबर को

नई दिल्ली: वरिष्ठ पत्रकार एवं कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर के कुलपति प्रो. बलदेव भाई शर्मा के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर केंद्रित राम सुंदर कुमार की पुस्तक ‘मानुष…

क़लम की इच्छा

क़लम हमारी, हमसे बोली, कविता कोई, प्यारी लिख दो। विरह व्यथा तुम, बहुत लिख चुके, अब प्रेम प्यार पर, कुछ लिख दो।। गिरि से गिरते, निर्मल झरने, आलिंगन करते नदियों…

शहर लखनऊ

(भाग-१) प्रभु राम की विरासत, यूपी की राजधानी। तहज़ीब गंगा जमुनी, लखनऊ की निशानी।। शाम-ए-अवध की मस्ती, और दिलकशी नजारा। शाही शहर नबाबी, लखनऊ सबको प्यारा।। मन मोह लेता सबका,…

मेरे प्रियतम तुम सावन में

मुरझाते उपवन को प्रियतम, रसवती कर जाओ। कोमल कंज खिलूँ बन जिसमें, तुम पुष्कर बन जाओ।। नैन थके हैं राह निहारत, रिक्त प्रेम का है प्याला। विरह अग्नि में तपते…

लेखक की पीड़ा

पहचान बड़ी मुश्किल उनकी, जिनकी यह चाह रही है। फ़ेसबुक पर चोरी करना, जिनका बस काम यही है। रात-रात भर पता करें, ये जगते रोज दिखेंगे, किसी वाल के कवि…

निगाहें

छलकते पैमाने हैं, आँखों में तेरी, मुझे मयक़शी का, नशा आ रहा है। निगाहों से कह दो, गिरफ़्तार कर लें, समर्पण करने को, दिल चाहता है। मचलते भ्रमर गुल पे,…