Kahani: ये कांच है हीरा नहीं

Kahani: एक राजमहल में कामवाली और उसका बेटा काम करते थे। एक दिन राजमहल में कामवाली के बेटे को हीरा मिलता है। वो माँ को बताता है। कामवाली होशियारी से…

Kavita: बहुत उदास मन

बहुत उदास मन नहीं लिख पाता सुंदर कविताएँ ना ही गुनगुना पाता है कोई मधुर गीत जो दे सके सुकून अंतरात्मा को बहुत उदास मन चाहता है मुक्ति स्वयं की…

Kahani: बिना मृत्यु के पुनर्जन्म

Kahani: एक चोर ने राजा के महल में चोरी की। सिपाहियों को पता चला तो उन्होंने उसके पदचिह्नों का पीछा किया। पीछा करते-करते वे नगर से बाहर आ गये। पास…

Kavita: मैं जिसे पूरा समंदर चाहिए था

मैं जिसे पूरा समंदर चाहिए था एक क़तरा भी नहीं मिला मुझे ख्वाहिश थी खुद को ढूंढ लाने की फिर आइना भी, टूटा मिला मुझे ना मिलता तू तो जब्त…

Kahani: नीति और अनीति की कमाई का अंतर

Kahani: प्राचीन युग की बात है। तब प्रजा अधिकतर धर्म-परायण थी, फिर भी अधार्मिक तत्व किसी मात्रा में थे ही। अधिकांश व्यक्ति त्यागी, सेवापरायण एवं ईश्वरभक्त साधुजनों से सदुपदेश तथा…

Kavita: किसी को किसी से फर्क नहीं पड़ता

किसी को किसी से फर्क नहीं पड़ता दांव लगाने वाला भी शर्त नहीं पढ़ता गोरखधंधों से कमाने वाला इंसान जरूरतमंदों पर खर्च नहीं करता गीता, बाईबल, ग्रंथ, कुरान पढ़ने वाला…

महिला सशक्तिकरण में कलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका: डॉ. सच्चिदानंद जोशी

नई दिल्ली: कला सोपान और ललित कला संस्थान बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, झांसी के संयुक्त तत्वावधान में वामिका द्वितीय राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी का उद्घाटन आर्टिजन आर्ट गैलरी, नई दिल्ली में किया गया।…

Kavita: कान्हा! मैं कभी तुम्हारे साथ

कान्हा! मैं कभी तुम्हारे साथ, अकेली नहीं हो पाई! हमेशा कमरे मे मैंने राधा को तुम्हारे साथ महसूस किया है हमारे सह वास में वह किसी खिड़की से देखती है…

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