Janmotsav Vishesh: शेषावतार श्री बलराम जी

Janmotsav Vishesh: भगवान श्रीकृष्णल के बड़े भाई बलराम जी जिन्हें बलदाऊ भी कहते हैं। भाद्रपद के कृष्णh पक्ष की षष्ठी को उनकी जयंती (जन्मोत्सव) मनाई जाती है, जिसे हलछठ भी…

Janmashtami 2023: जन्माष्टमी मनाने का सही समय व मुहूर्त

Janmashtami 2023: धर्म ग्रंथों के अनुसार, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। इस बार इस पर्व को लेकर कन्फ्यूजन की स्थिति बन…

Pauranik Katha: ब्रजमंडल कैसे बसा

Pauranik Katha: यदुवंश में शूरसेन नाम के एक पराक्रमी क्षत्रिय हुए। उनकी पत्नी का नाम मारिषा था। उनके दस पुत्र हुए। वसुदेवजी उनके सबसे श्रेष्ठ पुत्र थे। इनका विवाह देवक…

Shri Krishna Janmashtami 2023: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी से जुड़ी कथाएं, जानें पूजा करने की विधि

Shri Krishna Janmashtami 2023: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिन के रूप में मनाया जाने वाला हिन्दू पर्व है और इस अवसर पर कई महत्वपूर्ण किस्से और कथाएँ प्रस्तुत की…

Shri Krishna Janmasthami: 6-7 सितंबर को मनाई जाएगी जन्माष्टमी, जानें क्या है महत्व

Shri Krishna Janmasthami 2023: पौराणिक कथाओं के अनुसार द्वापर युग में कंस के अत्याचारों से मुक्ति दिलाने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने जन्म लिया था। भाद्रपद के कृष्ण पक्ष…

Pauranik Katha: कौन थे महर्षि वेद व्यास, जानें उनके जन्म से जुड़ी ये कहानी

Pauranik Katha: हमारे देश में कई बड़े-बड़े ऋषि ने जन्म लिए हैं, जिसमें से वेदव्यास एक बड़े महात्मा ऋषि हैं। इनकी न जाने कितनी सारी बातें आज भी हमारे देश…

Pauranik Katha: धृतराष्ट्र, पाण्डु और विदुर का कैसे हुआ जन्म, जानें क्या है कथा

Pauranik Katha: हस्तिनापुर नरेश शान्तनु और रानी सत्यवती के चित्रांगद और विचित्रवीर्य नामक दो पुत्र हुए। शान्तनु का स्वर्गवास चित्रांगद और विचित्रवीर्य के बाल्यकाल में ही हो गया था, इसलिये…

Pauranik Katha: सूर्य देव कैसे बने श्रीहनुमान जी के गुरु

Pauranik Katha: हनुमान जी जिनसे सभी बल, बुद्धि, विद्या देने की कामना करते हैं। हनुमानजी की शिक्षा के लिए उनकी माता कितनी चिंतित थी ये तो उनका इतिहास पढ़ने से…

Pauranik Katha: सर्वप्रथम किसने, किसको और क्यों बांधी राखी?

Pauranik Katha: पौराणिक शास्त्रों में ऐसा वर्णन है जो 100 अश्वमेध यज्ञ पूर्ण कर लेता है, उसे इंद्र का पद मिल जाता है। दानवीर दैत्यराज बलि के विषय में जानिये…

जनेऊ धर्म का प्रतीक ही नहीं स्वास्थ्य के लिए भी है फायदेमंद

भए कुमार जबहिं सब भ्राता। दीन्ह जनेऊ गुरु पितु माता॥ गुरगृहँ गए पढ़न रघुराई। अलप काल बिद्या सब आई॥ भावार्थ:-ज्यों ही सब भाई कुमारावस्था के हुए, त्यों ही गुरु, पिता…