Shri Krishna Janmashtami 2023: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिन के रूप में मनाया जाने वाला हिन्दू पर्व है और इस अवसर पर कई महत्वपूर्ण किस्से और कथाएँ प्रस्तुत की जाती हैं। यहाँ कुछ प्रमुख किस्से और कथाएँ दी जा रही हैं:

कृष्ण की जन्म कथा: इस कथा के अनुसार, श्रीकृष्ण का जन्म वृंदावन में हुआ था। उनके माता-पिता यशोदा और नंद जी थे। उनका जन्म 8वें दिन श्रावण मास की रात्रि में हुआ था। इस अवसर पर, लोग कृष्ण जी की मूर्ति को सुन्दर आकृति में सजाकर पूजते हैं।

कृष्ण और रास लीला: श्रीकृष्ण के जीवन में उनकी गोपियों के साथ रास लीला बहुत मशहूर है। इसमें कृष्ण गोपियों के साथ रास मंडल के आस-पास नृत्य करते हैं और उनके साथ मिलकर खेलते हैं।

कृष्ण और कांस: कांस श्रीकृष्ण के चाचा थे और उनके जन्म के समय ही कृष्ण को हत्या करने का प्रयास किया था। कृष्ण ने कांस को मार दिया और अपने पिता नंद के पास वापस गए।

कृष्ण और गीता: भगवद गीता, श्रीकृष्ण द्वारा महाभारत के कुरुक्षेत्र युद्ध के समय अर्जुन को दिये गए उपदेशों का संवाद है। इसमें कृष्ण ने जीवन के महत्वपूर्ण मुद्दों पर उपदेश दिया।

कृष्ण और कालीया नाग: इस कथा में कृष्ण ने कालीया नाग को जहरीले नदी यमुना से बाहर निकाला और नदी को शुद्ध किया।

कृष्ण और गोवर्धन पर्वत: इस कथा में कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपने हाथों में उठाया और गोपों को बचाया।

कृष्ण और राधा: कृष्ण के प्रेमिका राधा के साथ का प्रेम भक्ति का प्रतीक माना जाता है, और इनके प्रेम की कथाएँ भक्तों के बीच प्रसिद्ध हैं।

Shri Krishna Janmashtami 2023

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर पूजा करने की विधि

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की पूजा को ध्यानपूर्वक और भक्तिभाव से करना बहुत महत्वपूर्ण है। निम्नलिखित तरीके से श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की पूजा की जा सकती है:

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मंदिर या पूजा स्थल की सजावट: अपने घर के मंदिर या पूजा स्थल को सुंदरता से सजाएं। श्रीकृष्ण की मूर्ति को सुंदर आकृति में सजाकर रखें।

व्रत आदरणीय: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन व्रत रखें, जिसमें एक बार भोजन करने की व्रत की जा सकती है।

मंत्र पाठ: श्रीकृष्ण मंत्रों का पाठ करें, जैसे कि “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” या “हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण, हरे हरे। हरे राम, हरे राम, राम राम, हरे हरे।”

आरती: श्रीकृष्ण की आरती गाएं और उनकी मूर्ति को दीपों की आरती दें।

फल-पुष्प अर्पण: श्रीकृष्ण को फल और पुष्पों के साथ अर्पण करें।

कथा पाठ: श्रीकृष्ण के जन्म कथा का पाठ करें और उनके महत्वपूर्ण किस्से सुनाएं।

भजन संध्या: भगवान के भजन गाने और सुनने के लिए समय दें, जैसे कि भजन संध्या का आयोजन करें।

बाल लीला दर्शन: बच्चों को श्रीकृष्ण की बाल लीला के दर्शन कराएं और उन्हें उनके जीवन की महत्वपूर्ण कथाओं से परिचित कराएं।

प्रसाद वितरण: जन्माष्टमी के दिन पूजा के बाद प्रसाद (स्वादिष्ट खाना) वितरित करें।

संगति: दोस्तों और परिवार के साथ इस शुभ अवसर का आनंद लें और भगवान की भक्ति में समय बिताएं।

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