Kahani: लहरों से डरना नहीं

Kahani: एक समय की बात है, एक महात्मा नदी किनारे खड़े होकर प्रकृति को निहार रहे थे। कल-कल नदियों का बहना, ठण्डी-ठण्डी हवाएं और पेड़ के पत्तों का झूमना, बहुत…