Kahani: अति वाचालता का दुष्परिणाम

Kahani: एक राजा बहुत अधिक बोलता था। उसका मंत्री विद्वान और हितचिन्तक था। इसलिये वह सोचता रहता था कि राजा को कैसे इस दोष से मुक्त करूँ और वह ज्ञान…

Kahani: भक्त के लिए भगवान का उपहार

Kahani: ईश्वर अपने हर भक्त को एक प्यार भरी जिम्मेदारी सौंपता है और कहता है इसे हमेशा सम्भाल का रखा जाय। लापरवाही से इधर-उधर न फेंका जाय। भक्तों में से…

Kahani: हृदय में भगवान

Kahani: यह घटना जयपुर के एक वरिष्ठ डॉक्टर की आपबीती है, जिसने उनका जीवन बदल दिया। वह हृदय रोग विशेषज्ञ हैं। उनके अनुसार, एक दिन मेरे पास एक दंपत्ति अपनी…

Kahani: ये कांच है हीरा नहीं

Kahani: एक राजमहल में कामवाली और उसका बेटा काम करते थे। एक दिन राजमहल में कामवाली के बेटे को हीरा मिलता है। वो माँ को बताता है। कामवाली होशियारी से…

Kahani: बिना मृत्यु के पुनर्जन्म

Kahani: एक चोर ने राजा के महल में चोरी की। सिपाहियों को पता चला तो उन्होंने उसके पदचिह्नों का पीछा किया। पीछा करते-करते वे नगर से बाहर आ गये। पास…

Kahani: नीति और अनीति की कमाई का अंतर

Kahani: प्राचीन युग की बात है। तब प्रजा अधिकतर धर्म-परायण थी, फिर भी अधार्मिक तत्व किसी मात्रा में थे ही। अधिकांश व्यक्ति त्यागी, सेवापरायण एवं ईश्वरभक्त साधुजनों से सदुपदेश तथा…

Kahani: सेठ धनीराम

Kahani: एक गांव में एक बहुत बड़ा धनवान व्यक्ति रहता था। लोग उसे सेठ धनीराम कहते थे। उस सेठ के पास प्रचुर मात्रा में धन संपत्ति थी, जिसके कारण उसके…

Kahani: हमसे आगे हम

Kahani: टीचर ने सीटी बजाई और स्कूल के मैदान पर 50 छोटे छोटे बालक-बालिकाएँ दौड़ पड़े। सबका एक लक्ष्य। मैदान के छोर पर पहुँचकर पुनः वापस लौट आना। प्रथम तीन…

Kahani: क्योंकि हमारा घर एक है

Kahani: हम दो भाई एक ही मकान में रहते हैं, मैं पहली मंजिल पर और भैया निचली मंजिल पर। पता नहीं हम दोनों भाई कब एक-दूसरे से दूर होते गए,…

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