परंपरा से ही पुष्ट होते हैं जीवन में संस्कार: प्रेमभूषण

Deoria: परंपरा सदा ऊपर से नीचे की ओर आती रही है। हम अगर नई पीढ़ी में परंपरा और संस्कार का बीजारोपण करना चाहते हैं तो इसकी शुरुआत स्वयं हमें करनी…

खुद की पहचान कर अपने आप को नशे से बचाइए: ब्रह्मा कुमारीज

छतरपुर: ब्रह्माकुमारीज़ विश्वनाथ कॉलोनी द्वारा शिवरात्रि (Shivaratri) के उपलक्ष्य में परमात्मा शिव का सत्य परिचय, संस्कार और संस्कृति की रक्षा, नशा मुक्ति का संदेश देने के उद्देश्य से ग्राम गौरगांय…

Pauranik Katha: माँ सरस्वती के प्राकट्य की कथा

Pauranik Katha: हम सभी इस सृष्टि के निर्माता के रूप में परमपिता भगवान ब्रह्मा को देखते हैं, जबकि संचालक की भूमिका भगवान विष्णु व संहारक महादेव स्वयं हैं। सृष्टि निर्माता…

Vedas: चार वेदों में क्या है, जानें इसका महत्व

Vedas: वेद दुनिया के प्रथम धर्मग्रंथ है। इसी के आधार पर दुनिया के अन्य मजहबों की उत्पत्ति हुई, जिन्होंने वेदों के ज्ञान को अपने अपने तरीके से भिन्न-भिन्न भाषा में…

Sankashti Chaturthi 2024: संकष्टी चतुर्थी, जानें क्यों मनाते हैं सकट चौथ

Sankashti Chaturthi 2024: एक साहूकार और एक साहूकारनी थे। वह धर्म-पुण्य को नहीं मानते थे। इसके कारण उनके कोई बच्चा नहीं था। एक दिन साहूकारनी पड़ोसी के घर गयी। उस…

Dharm Gyan: विज्ञान नहीं जानता, वेद बताते हैं, तुलसी लिखते हैं, वायु के 49 स्वरूप

Dharm Gyan: श्री अयोध्या जी। आइए एक अलौकिक ज्ञान से परिचित हुआ जाय। यह कोई सामान्य जानकारी नहीं है। हमारा सनातन जिसे महाविज्ञान कहता है, यह उसका एक अंशमात्र है।…

जहां माता सीता के हाथ से गिरा था गर्म तेल, वहां से अब निकलता है गर्म पानी, जानें क्या है मान्यता

अंजुम अंसारी बलरामपुर: छत्तीसगढ़ का भगवान राम से काफी करीब का नाता है। माता कौशल्या खुद छत्तीसगढ़ की राजकुमारी थी, वहीं प्रभु श्री राम ने भी अपने वनवास के दौरान…

श्रुति और ऋषि परंपरा से संचालित होता है सनातन

सनातन संस्कृति में केवल श्रुति ही सर्वोच्च है। यहां किसी शीर्ष आचार्य या किसी एक पुस्तक की नहीं चलती। यह विश्व के कल्याण और प्राणियों में सद्भावना का मार्ग है।…

Dharmasastra: ॐ का रहस्य, जानें उच्चारण का महत्व

Dharmasastra: मन पर नियन्त्रण करके शब्दों का उच्चारण करने की क्रिया को मन्त्र कहते हैं। मन्त्र विज्ञान का सबसे ज्यादा प्रभाव हमारे मन व तन पर पड़ता है। मन्त्र का…

Pauranik Katha: शनिदेव ने तोड़ा इंद्र का अहंकार

Pauranik Katha: नारद देवताओं के प्रभाव की चर्चा कर रहे थे। देवराज इंद्र अपने सामने दूसरों की महिमा का बखान सुनकर चिढ़ गए। वो नारद से बोले- आप मेरे सामने…

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