Poem: द केरल स्टोरी

केरला स्टोरी देखिए करिए दृढ़ संकल्प संस्कार दृढ़ नेम हों न छूटे कोई विकल्प शिक्षा ऊंची चाहिए आंख खोल कर देख मर्यादा टूटे न कभी खींचो लक्ष्मण रेख हो विकास…

Poetry: संघर्षों में भी जो प्रसन्न

स्वप्न संजोए आंखों में, संकल्प लिए आगे बढ़ता। संघर्षों में भी जो प्रसन्न, नित नई सीढ़ियां चढ़ता।। धैर्यवान प्रेरणा पुंज। जीवन अनुपम वरदान। कथा सदा ही याद रहे, संकल्प जिनका…

एक आरजू उसके संग रहने की

चंचल माहौर ‘स्वर’ एक आरजू उसके संग रहने की। हवाओं में संग उसके बहने की। जुस्तजू इतनी सी रहे वो मेरे साथ, आदत नहीं खुद को बदलने की।। दर्द देने…

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