Poem: य़ह यक्ष प्रश्न है तेरा

बाहों में बहु बल था उत्साह महा प्रबल था वीरों का सुगठित दल था पर लड़कर हम क्यों हारे? क्षत्रिय रक्षा का हल था क्षत्राणी युग संबल था जौहर करना…

Poetry: सब बनिये पूर्ण समर्थ

शास्त्र सुरक्षित रहेंगे जीवंत रहे व्यवहार। उत्सव पूर्वक मनेंगे शांति मय त्योहार।। शस्त्र पूजन कीजिए नियमित हो अभ्यास। जीवन की शांति रहे है यही सनातन न्यास।। घर घर जाई देखिये…