लोकमंगल ही है साहित्य का लक्ष्य: प्रो. द्विवेदी

जबलपुर: एक सच्चा साहित्यकार कभी अपने सामाजिक और राष्ट्रीय सरोकारों से निरपेक्ष नहीं रह सकता। ऐसे लेखकों की रचनाएं न सिर्फ समकालीन समाज के लिए दर्पण का काम करती हैं,…

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