2030 तक दुनिया का हर पांचवां व्यक्ति बोलेगा हिंदी: प्रो. द्विवेदी

कोलकाता/भोपाल: “पिछले कुछ वर्षों में हिंदी और भारतीय भाषाओं को बहुत बढ़ावा मिला है। लोगों में भाषा को लेकर हीनता का भाव खत्म हो रहा है। आज भारत सरकार के…

डिजिटल क्रांति से हिंदी को मिली नई पहचान

मातृभाषा वैयक्तिक और पारिवारिक पृष्ठभूमि का बोध कराती है। समाज को स्वदेशी भाव-बोध से सम्मिलित कराते हृए वैश्विक धरातल पर राष्ट्रीय स्वाभिमान की विशिष्ट पहचान दिलाती है। किसी भी देश…

राजभाषा हिंदी सप्ताह पर विशेष: हिंदी हैं हम

भाषा संवाद संप्रेषण का सशक्त माध्यम है। मनुष्य को इसलिए भी परमात्मा की श्रेष्ठ कृति कहा जाता है कि वह भाषा का उपयोग कर अपने भावों को अभिव्यक्त करने में…