दो बहनों की कहानी: जयपुर पुलिस हो चुकी थी हताश, रंग लाई लखनऊ पुलिस की सतर्कता

विनय शुक्ला लखनऊ: फासले भर ही चला था गलत, राहे शौक में मंजिल ताउम्र मुझको तलाशती रही…अब्दुल हमीद अदम की चंद लाइनें जयपुर की दो बेटियों पर सटिक बैठती है।…