UP Police Insignia: यूपी पुलिस (UPPolice) की स्थापना के बाद उसे पहली बार मंगलवार को अपना प्रतीक चिन्ह (UP Police Insignia) मिल गया है। डीजीपी डा. डीएस चौहान (DGP Dr DS Chauhan) ने प्रतीक चिन्ह का अनावरण करते हुए उसे पुलिस अधिकारियों व कर्मियों की वर्दी पर अपने हाथ से लगाया। यूपी पुलिस के इस प्रतीक चिन्ह को डीजीपी से लेकर सिपाही तक अपनी वर्दी पर लगाएंगे। प्रतीक चिन्ह को वर्दी की शर्ट की दाहिनी जेब के ऊपर लगाया जाएगा। पुलिस के मुताबिक प्रतीक चिन्ह को इनसिग्निया कहा जाता है।

गौरतलब है यूपी पुलिस का यह प्रतीक चिन्ह 1 जनवरी को मिलना था। जिसकी खबर विभागीय सूत्रों के हवाले से newschuski.com के रिपोर्टर प्रकाश सिंह ने 26 दिसंबर, 2021 को लिखा था। लेकिन किन्हीं परिस्थितियों के चलते ऐसा नहीं हो सका। इस पर पुलिस अधिकारियों से बात करने पर जिम्मेदारों की तरफ से ऐसी किसी भी जानकारी से इनकार कर दिया गया था। 1 नवंबर 2022 को डीजीपी डा. डीएस चौहान (DGP Dr DS Chauhan) ने हमारी खबर पर मुहर लगाते हुए यूपी पुलिस के प्रतीक चिन्ह को जारी कर दिया है।

UP Police Insignia

अशोक चिन्ह के साथ सत्यमेव जयते भी

यूपी पुलिस के इस नए प्रतीक चिन्ह में नीले व लाल रंग (पुलिस कलर) का उपयोग किया गया है। जिसमें अशोक की लाट के नीचे सत्यमेव जयते लिखा हुआ है। इसके नीचे उत्तर प्रदेश पुलिस लिखा है और बीच में दो मछलियों की आकृति भी बनी हुई है। बताया जा रहा है प्रतीक चिन्ह को डीजीपी से लेकर सिपाही तक अपनी वर्दी में दाहिनी ओर सीने पर नेमप्लेट के ऊपर धारण करेंगे। बता दें कि अभी पुलिस अधिकारी व कर्मी वर्दी में बाजू पर उत्तर प्रदेश शासन का चिन्ह धारण करते रहे हैं।

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छवि बदल पाना बड़ी चुनौती

नए मोनोग्राम से यूपी पुलिस (UP Police New Monogram) की तस्वीर तो बदलेगी, पर छवि बदल पाना पुलिसकर्मियों के हाथ में है। प्रदेश की योगी सरकार ने अपने स्तर से यूपी पुलिस को काफी छूट दे रखी है, जिसके चलते पुलिस प्रभावी ढंग से काम भी कर रही है। लेकिन कुछ पुलिसकर्मियों के चलते विभाग के साथ साथ सरकार को भी शर्मिंदगी महसूस करनी पड़ी है। ऐसे में यूपी पुलिस के सामने अपनी छवि सुधारने की सबसे बड़ी चुनौती है। क्योंकि सरकार की तरफ से संसाधान तो दिया जा सकता है, लेकिन इन संसाधनों का सही तरीके से इस्तेमाल करने की जिम्मेदारी पुलिस की खुद की है। राजधानी में गोमतीनगर में एप्पल कर्मचारी की हत्या, गोरखपुर में कानपुर के व्यापारी की हत्या यूपी पुलिस पर वो दाग हैं, जिन्हें कभी साफ नहीं किया जा सकता।

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