Kunwar Neeraj Singh
कुंवर नीरज सिंह

वर्षा जल खुद राह बनाए,
जाने को तालाब में।
बाधा कोई आ न जाए,
इस मिलन की राह में।
इतनी चिंता हमको करनी,
अबकी वर्षाकाल में।

भर जाएं जब ताल तलैया,
भूजल संचय करना है।
छोटे छोटे बांध बनाएं,
बहता पानी रोकना है।
खंती में वर्षा जल लाएं,
भूजल कलश भरना है।

ताल तलैया सजल बनें,
धरती में वर्षा जल भरें।
भूजल का विस्तार हो,
विश्व का कल्याण हो।
हरियाली चंहु ओर हो,
खुशियों का भोर हो।

प्रदूषण मुक्त जल स्रोत बनें,
आओ मिल सब जतन करें।
जल के संकट को पहचानो,
संचय के संकल्प को ठानो।
युवा टोली यदि जुट जाए,
जल से समृद गांव बनाए।

(रचयिता लोक भारती के राष्ट्रीय सह संपर्क प्रमुख हैं)

इसे भी पढ़ें: आओ सबके काम

इसे भी पढ़ें: आंधियों में ओ मुसाफिर अनवरत चलना पड़ेगा

Spread the news