Lucknow News: भारत का राष्ट्रीय पुष्प नामक काफी टेबल पुस्तक का विमोचन उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (Governor Anandiben Patel) ने किया। यह पुस्तक डॉ सुरेश चंद शर्मा, अनिल कुमार गोयल व चंद्र भानु गुप्त कृषि स्मोक उत्तर महाविद्यालय के निदेशक प्रो योगेश कुमार शर्मा द्वारा लिखी गई है। वहीं बिशन सिंह महेंद्र पाल सिंह कनॉट प्लेस देहरादून द्वारा सन् 2022 में प्रकाशित की गई थी। पुस्तक का विमोचन करते हुए राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बताया कि यह पुस्तक बहुत उपयोगी है एवं इस पर अभूतपूर्व पौध प्रजाति के विषय में विस्तृत जानकारी को जनमानस तक उपलब्ध कराया गया है।

राष्ट्रीय पुष्प कमल का प्राचीन काल से हमारे देश में धार्मिक सांस्कृतिक ऐतिहासिक महत्व रहा है। इस पुस्तक को लिखने एवं प्रकाशित करने वाले सभी शिक्षकों को बधाई देती हूं। पुस्तक की सह लेखक अनिल कुमार गोयल ने बताया कि लोटस सभी धर्म में पवित्र माना गया है। भारतवर्ष के अतिरिक्त चीन और जापान में भी कमल वहां की संस्कृत में पूर्णतया रचा बसा हुआ है। बौद्ध कालीन समस्त स्मारकों पूजा ग्रहों, कलाकृतियों पर कमल का अंकन मिलता है। यह पुस्तक बहुत ही उपयोगी सिद्ध होगी। पुस्तक के सह लेखक प्रो योगेश कुमार शर्मा ने बताया कि इस पुस्तक में कमल के संरक्षण के साथ-साथ इस की वैज्ञानिक खेती तथा पोषक मानो व अनेक प्रजातियों पर भी प्रकाश डाला गया है। आशा है कि कमल पर प्रकाशित या काफी टेबल पुस्तक छात्रों शोधार्थियों शिक्षकों एवं जनता जनार्दन के लिए लाभकारी सिद्ध होगी।

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पुस्तक सह लेखक प्रो एससी शर्मा ने कमल ककड़ी भारतीय चीनी जापानी भोजन का अभिन्न अंग है या विटामिंस मिनरल्स तथा प्रोटीन से भरपूर है कमल के बीज कच्चे खाए जाते हैं, जो हृदय के लिए लाभकारी हैं। इसके अलग-अलग भागों का प्रयोग श्वसन तंत्र, जनन तंत्र, परिसंचरण तथा तंत्रिका तंत्र की बीमारियों में अत्यंत गुणकारी है। कमल पुष्प के दल पत्र सौंदर्य वर्धक होते हैं कमल का तेल एवं खुशबू अत्यंत ही लाभकारी होती है। कमल की खेती करके अच्छी कमाई की जा सकती है। डाक टिकटों एवं करेंसी नोटों तथा सिक्कों पर भी हमारे देश व विदेशों में कमल का बहुतायत से प्रयोग किया गया है तथा सेना के सबसे श्रेष्ठ पुरस्कार परमवीर चक्र पर भी कमल के पुष्पों के चित्र अंकित है। हाल ही में भारत की अध्यक्षता में जी-20 के लोगों पर भी कमल पुष्प को अंकित कर पृथ्वी को इस पर रखा गया है ।इसको आशावान एवं लचीलेपन का द्योतक माना गया है।

– नवनीत कुमार वर्मा की रिपोर्ट

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