हृदय प्रफुल्लित उत्साहित
दीपोत्सव से घर-घर शृंगार।
राम राज्य का शंखनाद है
जन जन का यह है उद्गार।।

अवधपुरी हर गांव बनेगा
शांति प्रेम का तोरण द्वार।
मन्दिर मन्दिर राम विराजें
शुभ समृद्धि का उपहार।।

अन्नकूट गोवर्धन पूजन
अन्नदाता का हो सम्मान।
जले दीप हर घर कुटिया
हर मन हो श्रम का मान।।

भारत गौरव बढ़े जगत में
दीप जलाएं ले शुभ लक्ष्य।
सतत साधना कर्म दीप से
हर कौशल में भारत दक्ष।।

है भैया दूज पर्व गौरवमय
भारतीय संस्कार उत्सव।
जलता रहे प्रकाश दीप ये
प्रभु कृपा पूरी हो अब।।

– बृजेंद्र

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