प्रतापगढ़: केंद्रीय कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य प्रमोद तिवारी ने रुपये में लगातार तेजी से हो रही गिरावट को राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के लिए गंभीर चुनौती कहा है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की अर्थव्यवस्था के क्षेत्र मे गैर जिम्मेदारानापन के चलते अर्न्त बैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार मे रुपया चौरासी पैसे टूटकर 77.01 प्रति डॉलर के अपने सार्वजनिक निचले स्तर पर आ गया। उन्होनें कहा कि रुपये तथा सेंसेक्स के लुढ़कने के चलते देश मे पहले से बढ़ी मंहगाई की मार झेल रही जनता को अब कीमतों के और उच्चस्तर की बढ़ोत्तरी का अनचाहा दर्द झेलना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि पिछले सात माह के सबसे निचले स्तर पर सेंसेक्स व निफ्टी मे भारी गिरावट घरेलू बाजार की भी कमर तोड़ने पर अमादा है।

मंगलवार को मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल के हवाले से यहां जारी बयान मे प्रमोद तिवारी ने कहा कि मोदी सरकार की अदूरदर्शिता के चलते घरेलू मुद्रास्फीति और व्यापक व्यापार घाटे की भी स्थिति बेहद चिंताजनक हो उठी है। उन्होंने कहा कि पांच राज्यों मे विधानसभा चुनाव मे सत्ता की जुगाड़ में जुटी भाजपा अब एक बार फिर डीजल व पेट्रोल के दामों में बढ़ोत्तरी करने की फिराक मे आ गयी है। उन्होंने कहा कि रूस-यूक्रेन के युद्ध की बहानेबाजी की आड़ में मोदी सरकार पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए पेट्रोलियम पदार्थों में मूल्य वृद्धि को लेकर जनता के जले पर नमक छिड़कने पर अमादा है।

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सीडब्ल्यूसी मेंबर प्रमोद तिवारी ने कहा कि जिस तरह से केंद्र की भाजपा सरकार के कार्यकाल मे मंहगाई आसमान छू रही है और अर्थव्यवस्था बद से बदतर होती जा रही है ऐसे में यह सरकार विकास के रोड मैप को भी जुमलेबाजी के बीच तहस-नहस करने पर जुटी हुई है। वहीं रूस यूक्रेन युद्ध के हालात पर पीएम मोदी द्वारा यूक्रेन मे फंसे छात्रों के रेस्क्यू को लेकर भारत का मॉस्को में मजबूत पक्ष रखे जाने के बजाय पुतिन को सलाह देने को एक डरी हुई सरकार का अब तक का वैश्विक पटल पर सबसे कमजोर प्रदर्शन भी कहा है।

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