Kahani: हो गई गलती

Kahani: राजा कृष्णदेव राय का दरबार सजा था। सदा की भाँति तेनालीराम भी अपने आसन पर विराजमान थे। महाराज कृष्णदेव राय के दरबार में योग्य व्यक्तियों का अभाव न था।…

Poem: गांव की समस्या, गांव में समाधान

कइसन ई शासन है, कइसन विधान है? समस्या है गांव में, नहीं समाधान है। झूठ बोल रहा अब तो सारा जहान है! पागल अब चोर दिखे, चोरी अब शान है!…

Poem: चली-चला!

निशाना लगाया अचूक, फिर भी साला गया चूक। आया कैसा भूचाल, जितने हम थे वाचाल, उतना है बुरा हाल। हम फेल हो गए, पटरी से उतरी रेल हो गए, टूटी…

Poem: पप्पू ज्यादा बोल रहा है

बांहें अपनी खोल रहा है, जहर फिजां में घोल रहा है। माताजी उसको अब रोको, पप्पू ज्यादा बोल रहा है। अपनी ही धुन में रहता है, आंय-बांय कुछ भी बकता…

Poem: बिन कान में लपेटे

है राजनीति का मेरा बस इतना-सा पैमाना, मोदी को गालियों से भरपूर है खजाना। मुझको सभी कहते हैं विकलांग मानसिक हूं, फिर भी बनूंगा पीएम, मम्मी को है दिखाना। वोटों…

पुण्यकोटी गाय की मार्मिक कहानी

Kahani: कलिंग नामक एक ग्वाला पहाड़ के निकट अपनी गायों के साथ बहुत सुख-सन्तोष से रहता था। उसकी गायों में पुण्यकोटि नाम की एक गाय थी, जो अपने बछड़े को…

आनंद ही है जीव की आत्मा की प्यास

भारतीय चिन्तन में समग्रता में विचार मूल आवश्यकता है। वैदिक पूर्वजों ने संसार को समग्रता से देखा था। उन्होंने संपूर्ण अस्तित्व को ध्यान से देखा। आगमन और निगमन पद्धति से…

Kahani: जीवन की मूल परिभाषा

Kahani: एक धन सम्पन्न व्यक्ति अपनी पत्नी के साथ रहता था। पर कालचक्र के प्रभाव से धीरे-धीरे वह कंगाल हो गया। उस की पत्नी ने कहा कि सम्पन्नता के दिनों…

2025 अमृत महाकुम्भ का सन्देश, वैचारिक परावर्तन ही शुद्धि का सही मार्ग

Mahakumbh 2025: नीतियों के साथ चरित्र का परावर्तन शुद्धि का सही मार्ग है। इस्लामी आक्रान्ताओं के काल से लेकर अंग्रेजों के शासन तक भारत में सामाजिक चरित्र का पतन कराने…

Other Story