

है राजनीति का मेरा बस इतना-सा पैमाना,
मोदी को गालियों से भरपूर है खजाना।
मुझको सभी कहते हैं विकलांग मानसिक हूं,
फिर भी बनूंगा पीएम, मम्मी को है दिखाना।
वोटों के वास्ते मैं यूं रूप बदलता हूं,
गुजरात में हिंदू हूं, बिहार में मौलाना।
हूं मैं जनेऊधारी, मौकापरस्त हूं मैं,
बिन कान में लपेटे जाता हूं मैं पाखाना।
पुरखों ने वंशजों को दी ‘श्याम’ ये नसीहत,
घोटालों में ही जीना, घोटालों का ही खाना।
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