भारत में परिवार और समाज से हुआ राष्ट्रभाव का विकास
हम असीम अस्तित्व के अंग हैं। इसलिए लघु से महत होने की संभावनाएं भी हैं। हम शरीरधारी हैं। हमारी पहली सीमा शरीर है। इससे सम्बंधित बड़ी सीमा परिवार है। परिवार…
हम असीम अस्तित्व के अंग हैं। इसलिए लघु से महत होने की संभावनाएं भी हैं। हम शरीरधारी हैं। हमारी पहली सीमा शरीर है। इससे सम्बंधित बड़ी सीमा परिवार है। परिवार…
नैतिकता विशिष्ट जीवन मूल्य है। सभ्यता के प्रारंभ से ही नैतिक शिक्षा का विकास भी होता रहा है। मनुष्य ने मिलजुल कर रहने की आवश्यकता अनुभव की थी। इतिहास के…
सर्वोत्तम हमारी सर्वोत्तम मनोकामना है। सर्वोत्तम हमारी गहन अभिलाषा है। यही अभिलाषा भिन्न भिन्न रूपों में प्रकट होती है। प्रतिस्पर्धा में प्रथम होने की इच्छा। धनसंग्रही होने की अभिलाषा। लोकसंग्रही…
अंधविश्वास बढ़ रहा है। अंधविश्वास राष्ट्रजीवन के लिए घातक है। परीक्षा में सफलता के लिए लोग ठगने वाले बाबाओं की शरण में जा रहे हैं। देश को वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने…
Shri Krishna Janmashtami: इतिहास भूत होता है। इसमें जोड़, घटाव उचित नहीं होता। हम चाहकर भी भूतकाल नहीं बदल सकते। लेकिन भूत इतिहास बनता है। अनुभूत समाज की भावशक्ति पाता…
Bangladesh Crisis: बांग्लादेश में हिंदू चुन चुन कर मारे जा रहे हैं। कत्लेआम जारी है। हिंदू महिलाओं के साथ बर्बरता के वीभत्स तरीके अपनाए जा रहे हैं। महिलाओं पर अत्याचार…
Ramacharitmanas: यूनेस्को की ‘मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रीजनल रजिस्टर‘ में रामचरितमानस को एशिया पेसिफिक की 20 धरोहरों में शामिल किया गया है। रामचरितमानस पूरे विश्व में श्रद्धा के साथ पढ़ी…
आधुनिकता प्रायः आकर्षण होती है। नई होती है और ताजी प्रतीत होती है। लेकिन वास्तविक आधुनिकता विचारणीय है। आधुनिकता नकली भी होती है। दरअसल आधुनिकता स्वयं में कोई निरपेक्ष आदर्श…
प्रत्यक्ष पर्यावरण प्रकृति की संरचना है। भारत के प्राचीन काल में भी प्राकृतिक पर्यावरण की उपस्थिति मनमोहक थी। प्रकृति को देखते, उसके विषय में सोचते और सुनते मनुष्य ने भी…
Environment: वातावरण में तनाव है। पृथ्वी का ताप बढ़ रहा है। सभी जीव व्यथित हैं। प्रकृति में अनेक जीव हैं। सब शुद्ध प्राण वायु पर निर्भर हैं। प्राण वायु का…