भारत में परिवार और समाज से हुआ राष्ट्रभाव का विकास

हम असीम अस्तित्व के अंग हैं। इसलिए लघु से महत होने की संभावनाएं भी हैं। हम शरीरधारी हैं। हमारी पहली सीमा शरीर है। इससे सम्बंधित बड़ी सीमा परिवार है। परिवार…

चिकित्सकों में खत्म होता सेवा बन रही बड़ी चुनौती

नैतिकता विशिष्ट जीवन मूल्य है। सभ्यता के प्रारंभ से ही नैतिक शिक्षा का विकास भी होता रहा है। मनुष्य ने मिलजुल कर रहने की आवश्यकता अनुभव की थी। इतिहास के…

स्त्री उत्पीड़न समाज और राज दोनों के लिए पीड़ादायी

देश स्त्री उत्पीड़न की घटनाओं से चिंतित है। यह समाज और राज दोनों के लिए पीड़ादायी है। स्त्री उत्पीड़कों को दण्डित करने के लिए अनेक कानूनी प्रावधान हैं। कानून पालन…

शिक्षा का शिखर सर्वोत्तम ज्ञान है

सर्वोत्तम हमारी सर्वोत्तम मनोकामना है। सर्वोत्तम हमारी गहन अभिलाषा है। यही अभिलाषा भिन्न भिन्न रूपों में प्रकट होती है। प्रतिस्पर्धा में प्रथम होने की इच्छा। धनसंग्रही होने की अभिलाषा। लोकसंग्रही…

धर्म, विज्ञान और अन्धविश्वास का रहस्य

अंधविश्वास बढ़ रहा है। अंधविश्वास राष्ट्रजीवन के लिए घातक है। परीक्षा में सफलता के लिए लोग ठगने वाले बाबाओं की शरण में जा रहे हैं। देश को वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाने…

Shri Krishna Janmashtami: इतिहास के महानायक हैं श्रीकृष्ण

Shri Krishna Janmashtami: इतिहास भूत होता है। इसमें जोड़, घटाव उचित नहीं होता। हम चाहकर भी भूतकाल नहीं बदल सकते। लेकिन भूत इतिहास बनता है। अनुभूत समाज की भावशक्ति पाता…

Bangladesh Crisis: आबादी अत्याचार के शिकार हो रहे बांग्लादेशी हिंदू

Bangladesh Crisis: बांग्लादेश में हिंदू चुन चुन कर मारे जा रहे हैं। कत्लेआम जारी है। हिंदू महिलाओं के साथ बर्बरता के वीभत्स तरीके अपनाए जा रहे हैं। महिलाओं पर अत्याचार…

शिव उपासना का मूल केन्द्र है भारत

भारत में सावन का महीना शिव उपासना की जलरस भरी मुहूर्त है। शिव सोम प्रेमी हैं। सोम प्रकृति की सृजन शक्ति है। सृजन की यही शक्ति शिव ललाट की दीप्ति…

Ramacharitmanas: रामचरितमानस में रामराज्य का सबसे अच्छा वर्णन

Ramacharitmanas: यूनेस्को की ‘मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रीजनल रजिस्टर‘ में रामचरितमानस को एशिया पेसिफिक की 20 धरोहरों में शामिल किया गया है। रामचरितमानस पूरे विश्व में श्रद्धा के साथ पढ़ी…

मूल परंपरा से संवाद जरूरी है

आधुनिकता प्रायः आकर्षण होती है। नई होती है और ताजी प्रतीत होती है। लेकिन वास्तविक आधुनिकता विचारणीय है। आधुनिकता नकली भी होती है। दरअसल आधुनिकता स्वयं में कोई निरपेक्ष आदर्श…