लखनऊ: प्रत्येक बालक में कोई न कोई मेधा पायी जाती है, जिसे अभिभावकों व शिक्षकों को पहचानने की आवश्यकता है। अभिभावकों को अपने बच्चों की तुलना अन्य से करने की आवश्यकता नहीं है, वह उनके भीतर के गुण को समझें और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करें। उक्त उद्गार मुख्य यजमान विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रचार प्रमुख सौरभ मिश्रा ने सरस्वती शिशु मंदिर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, निराला नगर में बसंत पंचमी पर आयोजित सरस्वती पूजन और विद्यारम्भ कार्यक्रम में व्यक्त किए।

मुख्य यजमान सौरभ मिश्रा ने वसंत पंचमी पर्व के महत्त्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि ज्ञान की देवी मां शारदे के जन्म दिवस के रूप में बसंत पंचमी के पर्व को मनाया जाता है। मां सरस्वती की कृपा से प्रत्येक व्यक्ति को ज्ञान और संस्कार की प्राप्ति होती है। उन्होंने बच्चों को एक कहानी के माध्यम से सकारात्मक सोच रखने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कैप्टन मनोज पाण्डेय का उदाहरण देते हुए अभिभावकों से कहा कि वह अपने बच्चों को देश के लिए कुछ करने के लिए प्रेरित करें, ताकि उन्हें भी देश के महापुरुषों की भांति हमेशा याद रखा जाए। उन्होंने कहा कि हमारे अंदर समर्पण की भावना होनी चाहिए, जिससे हम उपलब्ध संसाधनों का आवश्यकतानुसार उपयोग करें और जरूरतमंदों को भी संसाधन उपलब्ध हो सकें।

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कार्यक्रम में आये हुए अतिथियों का परिचय विद्यालय के प्रबंधक शैलेंद्र शर्मा ने कराया। उन्होंने सूर्यकांत त्रिपाठी निराला के जन्मदिन और वीर हकीकत राय के बलिदान पर भी प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन विद्यालय के वरिष्ठ आचार्य रत्नसेन द्विवेदी ने और आभार ज्ञापन विद्यालय के कोषाध्यक्ष अमित अग्रवाल ने किया। इससे पहले मुख्य यजमान विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के क्षेत्रीय प्रचार प्रमुख सौरभ मिश्र सहित अन्य अतिथियों ने हवन-पूजन, मां शारदा के समक्ष आरती व वंदन किया। इस अवसर पर क्षेत्रीय बालिका प्रमुख उमाशंकर, शोध संस्थान के कोषाध्यक्ष शिव भूषण त्रिपाठी, सह प्रचार प्रमुख भास्कर दूबे, वरिष्ठ प्रचारक रजनीश पाठक, प्रधानाचार्य रामतीरथ वर्मा, भारतीय शिक्षा समिति अवध प्रांत के प्रदेश निरीक्षक राजेंद्र बाबू और भैया/बहन व उनके अभिभावक समेत तमाम लोग उपस्थित रहे।

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