राघवेंद्र प्रसाद मिश्र

बस्ती: आगामी यूपी विधानसभा चुनाव के सभी राजनीतिक पार्टियां हर दांव आजमाने में जुट गई हैं। उत्तर प्रदेश में वर्ष 2017 से पहले क्षेत्रीय पार्टियों सपा-बसपा का अपना वर्चस्व रहा है। मौजूदा समय में सपा भाजपा को कड़ी टक्कर देती हुई नजर आ रही है। पूर्वांचल के बस्ती जनपद में क्षेत्रीय दलों के साथ जातीय समीकरण चुनाव में जीत-हार तय करने में अहम भूमिका निभाती आ रही है। वर्ष 2014 लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी लहर की जो आंधी चली थी उसने सभी जातीय समीकरण का हवा कर दिया था। नतीजा यह हुआ कि जनपद के कप्तानगंज विधानसभा सीट से जीत की हैट्रिक लगाने वाले बसपा उम्मीदवार राम प्रसाद चौधरी और हर्रैया विधानसभा सीट से दो बार चुनाव जीत कर कैबिनेट मंत्री तक का सफर करने वाले सपा नेता राजकिशोर सिंह को हार का सामना करना पड़ गया।

Ajay Singh

राम प्रसाद चौधरी बस्ती जनपद से चौधरी लॉबी का नेतृत्व करते हैं। वह किसी भी पार्टी में रहे लॉबी उनके साथ रहती है। राम प्रसाद चौधरी की एक खासियत और है, वह चुनावी माहौल बड़ी बारीकी से समझते हैं, यही वजह है कि माहौल को भांपते हुए दल बदलने में कोई संकोच नहीं करते। बसपा, भाजपा और सपा से चुनाव जीतने की हैट्रिक लगाने के बाद वर्ष 2017 में वह बसपा के टिकट से चुनाव लड़े थे, लेकिन मोदी लहर के चलते उन्हें भाजपा प्रत्याशी चंद्र प्रकाश शुक्ल से हार का सामना करना पड़ा। इस बार वह चुनावी माहौल देखते हुए सपा में शामिल हो गए हैं और माना जा रहा है कि समाजवादी पार्टी उन्हें कप्तानगंज से अपना उम्मीदवार बना सकती है।

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CP Shukla

वक्त के साथ हालात काफी बदल गए हैं। मोदी लहर भी काफी हद तक थम चुकी है। ऐसे में सियासी समीकरण भी कफी हद तक बदल गए हैं। चुनाव फिर विकास के रथ से उतर कर जतीय समीकरण पर आकर टिक गई है। सपा से दो बार मंत्री रह चुके राजकिशोर सिंह भी अपना पाला बदल लिया है। इस बार वह बसपा के टिकट पर हर्रैया विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे। यहां वर्तमान समय में भाजपा से अजय सिंह विधायक हैं। वहीं सपा त्रयंबक पाठक को हर्रैया से अपना उम्मीदवार बना सकती है। ऐसे में बस्ती जनपद का हर्रैया और कप्तानगंज विधानसभा का चुनाव काफी रोचक होने वाला है, क्योंकि एक तरफ जहां राम प्रसाद चौधरी चौधरी लॉबी का नेतृत्व करते हैं, वहीं राजकिशोर सिंह का ठाकुरों में अच्छी पैठ है।

Rajkishore Singh

ऐसे में पूर्व की भांति अगर चुनाव में जतीय समीकरण हावी होता है, तो बस्ती जनपद से यह दोनों सीटें भाजपा से छिन सकती हैं। हर्रैया से भाजपा विधायक अजय सिंह का पार्टी में अंदरूनी विरोध चल रहा है। गत दिनों उनके आवास पर आईटी की रेड भी पड़ी थी। वहीं चर्चा है कि भाजपा इस बार कप्तानगंज से अपना प्रत्याशी बदल सकती है।

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