प्रकाश सिंह

Swami Prasad Maurya Remarks: राजनीति में कभी नेताओं की पहचान उनके बयान व चरित्र से होती थी। यही वजह है कि आज भी ऐसे नेता विभिन्न मौकों पर याद किए जाते हैं। समय के हिसाब से नेताओं का चारित्रिक पतन तो हुआ ही, साथ में बदजुबानी अब उनकी पहचान बनती जा रही है। समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) में ऐसे नेताओं की भरमार है, जो धार्मिक उन्माद पैदाकर राजनीतिक हित साधने की जुगत में लगे रहते हैं। बीजेपी से सपा में आने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य Swami Prasad Maurya) लगातार धर्म और धार्मिक पुस्तकों को निशाना बना रहे हैं। सपा स्वामी प्रसाद मौर्य Swami Prasad Maurya) जहां यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान रामचरितमानस की चौपाइयों पर विवाद खड़ाकर जहां पिछड़ों को भड़काने की कोशिश की थी, वहीं लोकसभा चुनाव से पहले माता लक्ष्मी पर अमर्यादित टिप्पणी कर नये विवाद को जन्म दे दिया है। स्वामी प्रसाद मौर्य Swami Prasad Maurya) के बयान पर अखिलेश यादव की चुप्पी पर अब सवाल उठने लगे हैं।

स्वामी प्रसाद मौर्य Swami Prasad Maurya) के बयान पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने पलटवार किया है। उन्होंने बयान पर कड़ी नारजगी जाहिर करते हुए कहा कि ऐसा लगता है स्वामी प्रसाद मौर्य मानसिक दिवालियापन की ओर बढ़ रहे हैं। इसके अलाव उन्होंने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के मठ मंदिर दर्शन पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि एक तरफ अखिलेश यादव भगवान का दर्शन करने मठ मंदिर पहुंच रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ उनकी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य लगातार सनातन धर्म, हिंदू देवी-देवताओं और साधु-संतों का अपमान कर रहे हैं। अब उन्होंने ओछी टिप्पणी मां लक्ष्मी देवी पर की है। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) को आधिकारिक रूप से मां लक्ष्मी देवी के खिलाफ की गई अमर्यादित टिप्पणी पर स्पष्टीकरण देना चाहिए। समाजवादी पार्टी को कन्फ्यूज्ड बताते हुए उन्होंने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान से लाखों हिंदुओं की भावनाएं आहत हुई हैं। ऐसे में अखिलेश यादव को सामने आकर पार्टी का रुख साफ करना चाहिए।

इसे भी पढ़ें: Swami Prasad Maurya के विवादित बोल पर पूर्व मंत्री ने दिया जवाब

बता दें कि राजनीति में कुछ भी अकारण नहीं होता। नेताओं की तरफ से दिए गए बयान एक सोची समझी रणनीति के तहत होती है। हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाना समाजवादी पार्टी के मूल चरित्र में शामिल है। अयोध्या में राम मंदिर का विरोध, कारसेवकों पर गोली चलवाने का कलंक पार्टी पर पहले ही लग चुका है। हिंदू धर्म और धर्म रक्षकों को अपमानित करना सपा के स्वभाव में है। ऐसे में स्वामी प्रसाद मौर्य के इस बयान को उनका निजी मानना गले से नहीं उतरता। फिलहाल दिवाली पर्व पर माता लक्षमी देवी पर विवादित टिप्पणी कर स्वामी प्रसाद मौर्य चौतरफा घिर गए हैं। रायबरेली से सपा के पूर्व मंत्री मनोज पांडेय ने जहां स्वामी प्रसाद मौर्य के इस बयान पर अपत्ति जता चुके हैं, वहीं कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने सीएम योगी से स्वामी प्रसाद मौर्य पर कार्रवाई करने की मांग कर चुके हैं।

हिंदू धर्म पर निशाना सपा का चरित्र

लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Elections 2024) से पहले समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) की तरफ से शुरू की गई पीडीए की राजनीति का असर दिखने लगा है। रामचरितमानस की चौपाइयों पर विवद खड़े करने वाले सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने इस बार मां लक्ष्मी को लेकर विवादित पोस्ट किया है। विधानसभा चुनाव में रामचरितमानस की चौपाइयों से सपा की शुरू की गई राजनीति सवर्णों का विरोध करते हुए अब देवी-देवताओं पर अमर्यादित टिप्पणी पर आ गई है। हालांकि समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) में यह पहली बार नहीं है, जब धर्म और धर्म के रक्षक निशाने पर हैं। सत्ता के लिए सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने न सिर्फ निहत्थे कारसेवकों की हत्या करवाई, बल्कि एक वर्ग को खुश करने के लिए इस बात को सार्वजनिक तौर पर स्वीकार भी किया। धर्म और धर्म के रक्षकों पर स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) के इस बयान को भी सपा की पुरानी परिपाटी का हिस्सा माना जा रहा है।

इसे भी पढ़ें: कांग्रेस पर सीएम योगी का तीखा हमला, विकास का बताया बाधक

Spread the news