Raja Bhaiya: चुनाव हो और राजा भैया (Raja Bhaiya) की चर्चा न हो ऐसा संभव नहीं है। यूपी निकाय चुनाव के पहले चरण में 37 जनपदों में 4 मई को मतदान होने हैं। ऐसे में नेताओं की बयानबाजी तेज हो गई है। वहीं निकाय चुनाव के बीच प्रतापगढ़ जनपद के कुंडा से विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया (Raja Bhaiya) अपने एक बयान को लेकर चर्चा में आ गए हैं। हालांकि उन्होंने किसी पर निजी टिप्पणी नहीं की है, लेकिन उनकी अलग तरह की टिप्पणी उनके विरोधियों की बेचैनी बढ़ा दी है। रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया (Raghuraj Pratap Singh alias Raja Bhaiya) एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, लोग कहा रहे हैं कि एक पार्टी के नेता कलीम भाई कह रहे हैं कि लगता है शेर शिकार करना छोड़ दिया है।

इसके जवाब में राजा भैया ने कहा कि शेर कभी शिकार करना नहीं छोड़ता। यह अलग बात है कि शेर कुत्तों का शिकार नहीं करता। क्या आप ने कभी शेर को कुत्ते का शिकार करते देखा है। बता दें कि राजा भैया का नाम दबंग प्रतिनिधियों में आता है। उनकी दबंगई के कई किस्से काफी मशहूर भी हैं। जनता में उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि कुंडा विधानसभा से आज तक कोई नेता राजा भैया के सामने नहीं जीत पाया। हालांकि हाल के दिनों में राजा भैया के प्रतिद्वंदी बढ़े हैं। जिस कुंडा में राजा भैया के खिलाफ कोई चुनाव मैदान में नहीं उतरता था, वहां लोग राजा भैया के खिलाफ ताल थोक रहे हैं।

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गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में सरकार किसी भी दल की रही हो, लेकिन सत्ता में रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की हनक साफ दिखती थी। वर्ष 2017 में मोदी लहर का असर राजा भैया के रसूख पर पड़ा। हालांकि इस दौरान वह खुद की जनसत्ता दल लोकतांत्रिक पार्टी गठन किया, बावजूद इसके उनकी केवल खुद की सीट निकल पाई। राजनीति में रसूख खत्म होते ही अपने भी बेगाने हो जाते हैं। राजा भैया के साथ भी ऐसा ही कुछ देखने को मिला। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान प्रतापगढ़ में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मीडिया के सवाल पर कहा था, कि कौन राजा भैया। अखिलेश ने ऐसा करके अपने स्वार्थ की राजनीति को जगजाहिर कर दिया था। क्योंकि राजा भैया की समाजवादी पार्टी से रिश्ते को सभी जानते हैं और अखिलेश यादव की सरकार में राजा भैया मंत्री भी रह चुके हैं।

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