Earthquake Today: भूकंप के तेज झटके से नेपाल के पश्चिमी हिस्से में बड़ी तबाही हुई है। भूकंप (Earthquake) का केंद्र जाजरकोट (Jajarkot) में बताया जा रहा है, यहां आसपास के कई जिलों में झटके महसूस किए गई। भूकंप से मची तबाही की चपेट में आने से अबतक 130 लोगों की होने की सूचना है। रिक्टर स्केल पर 6.4 तीव्रता के झटके में करीब 200 लोग हताहत हुए हैं। तबाही की चपेट में आने से जाजरकोट (Jajarkot) जिले के भेरी, नलगढ़, कुशे, बरेकोट और चेदागढ़. नलगढ़ की डिप्टी मेयर सरिता सिंह की भी मौत हो गई। नेपाल में भूकंप (Earthquake) से हुई तबाही पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा दुख व्यक्त किया है।

उन्होंने नेपाल में भूकंप से आई तबाही में मारे गए लोगों के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की है। पीएम मोदी ने कहा कि दुख की इस घड़ी में भारत नेपाल के साथ खड़ा है और सभी जरूरी मदद देने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री ने घायलों के जल्द ठीक होने की कामना करते हुए हर संभव मदद का भरोसा दिया है। बता दें कि शुक्रवार की देर रात आए इस भूकंप के असर भारत के कई राज्यों पर पड़ा है। दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर प्रदेश काफी प्रभावित हुआ है। हालांकि भारत में जनहानि होने की कोई सूचना नहीं है। लेकिन भूकंप की झटकों की वजह से कई घरों में दरारें पड़ गई हैं।

2015 भूकंप की याद ताजा

गौरतलब है कि नेपाल में शुक्रवार रात 6.4 तीव्रता का जोरदार भूकंप आया, जिसके झटके राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सहित उत्तर भारत के कई हिस्सों में महसूस किए गए। रात करीब 11 बजकर 34 मिनट पर आए भूकंप के कारण लोगों को अपने घरों से बाहर निकलना पड़ा। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान (एनसीएस) के मुताबिक, भूकंप का केंद्र नेपाल में अयोध्या से लगभग 227 किलोमीटर उत्तर और काठमांडू से 331 किलोमीटर पश्चिम उत्तर-पश्चिम में 10 किलोमीटर की गहराई में था। नेपाल में आए इस भूकंप में अब तक 130 लोगों की मौत हो गई है और इस तबाही ने एक बार फिर से 2015 की याद ताजा कर दी है, जब 9000 से अधिक लोग मारे गए थे।

जाजरकोट में 92 लोगों की मौत

जानकारी मिल रही है कि भूकंप के कारण ज्यादातर लोगों की मौत रुकुम पश्चिम और जाजरकोट में हुई है। मृतकों की जानकारी रुकुम पश्चिम के डीएसपी नामराज भट्टराई और जाजरकोट के डीएसपी संतोष रोक्का ने दी है। नेपाल में आए भूकंप में मरने वालों की संख्या 130 तक पहुंच गई है। नेपाल के प्रधानमंत्री के निजी सचिवालय के मुताबिक, जाजरकोट भूकंप में 92 लोगों की मौत हो गई है और 55 लोग घायल हो गए हैं। वहीं, रुकुम वेस्ट में 36 लोगों की मौत हो गई और 85 लोग घायल बताए जा रहे हैं।

बड़े भूकम्प की आहट तो नहीं…

दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत में लगातार भूकंप के तेज महसूस किए जा रहे हैं। कई इलाकों में शुक्रवार देर रात भी भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.4 दर्ज की गई। देर रात आए भूकंप के इन झटकों से लोग घबरा गए और घरों-दफ्तरों से बाहर दौड़ पड़े। इसके बाद अब सवाल उठने लगा है कि आखिर दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के झटके लगातार क्यों महसूस होते हैं? यहां रहने वाले लोगों के दिमाग में यह सवाल बार-बार उठता है कि कहीं यहां बार-बार आने वाले झटके किसी बड़े भूकंप की आहट तो नहीं हैं?

बड़ा भूकंप आने के संकेत

इसके लिए एक्सपर्ट भी चेतावनी जारी कर चुके हैं। जिनका कहना है कि दिल्ली-एनसीआर में कभी भी बड़ा भूकंप आ सकता है। हालांकि ये कब आएगा, इसकी पुष्टि अभी नहीं की गई है। दिल्ली-एनसीआर के नीचे 100 से ज्यादा लंबी और गहरी फॉल्ट्स हैं। इसमें से कुछ दिल्ली-हरिद्वार रिज, दिल्ली-सरगोधा रिज और ग्रेट बाउंड्री फॉल्ट पर हैं। इनके साथ ही कई सक्रिय फॉल्ट्स भी इनसे जुड़ी हुई हैं। जवाहरलाल नेहरू सेंटर ऑफ एडवांस्ड साइंटिफिक रिसर्च में प्रोफेसर सीपी राजेंद्रन के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर में कभी भी बड़ा भूकंप आ सकता है। लेकिन ये कब आएगा और कितना ताकतवर होगा, ये कह पाना मुश्किल है।

इसे भी पढ़ें: जानें किस कानून के तहत उर्फी हुईं गिरफ्तार, पूनम पांडेय को भी जाना पड़ा था जेल

सीपी राजेंद्रन ने 2018 में एक स्टडी की थी। इसके मुताबिक साल 1315 और 1440 के बीच भारत के भाटपुर से लेकर नेपाल के मोहाना खोला तक 600 किलोमीटर लंबा सिस्मिक गैप बन गया था। 600-700 सालों से ये गैप शांत है, लेकिन इस पर लगातार भूकंपीय दबाव बन रहा है। हो सकता है कि ये दबाव भूकंप के तौर पर सामने आए। अगर यहां से भूकंप आता है तो 8.5 तीव्रता तक हो सकता है। डराने वाली बात यही है कि दिल्ली में 8.5 तीव्रता का भूकंप आया तो क्या होगा, कितनी बड़ी तबाही आएगी, इसका अनुमान लगाना बहुत मुश्किल नहीं है।

इसे भी पढ़ें: फैमिली की सुरक्षा के लिए शेरनी के अवतार में नजर आईं सुष्मिता

Spread the news