
Chitrakoot News: सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद माफिया मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) की बहू निखत अंसारी (Nikhat Ansari) गुरुवार देर रात चित्रकूट की जेल से रिहा हो गई। जेल में अवैध तरीके से पति अब्बास अंसारी (Abbas Ansari) से मिलने के आरोप में निखत अंसारी (Nikhat Ansari) 160 दिनों से इस चित्रकूट की जेल में बंद थी। जेल रिहा होने पर उसे रिसीव करने के लिए उसके 1 साल के बेटे को लेकर उसकी भाभी पहुंची थी। जेल से बाहर आते ही निखत ने दौड़ कर बेटे को गले लगाकर कुछ देर तक फफक कर रोती रही। इसके बाद कार में बैठकर घर के लिए रवाना हो गई। बता दें कि गत 11 अगस्त को ही निखत अंसारी को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई थी।
जानकारी के मुताबिक निखत अंसारी (Nikhat Ansari) ने सुप्रीम कोर्ट में अपने एक साल के बच्चे का हवाला देते हुए मानवीय आधार पर जमानत की गुहार लगाई थी। जिसे मंजूर करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उसे जमानत दे दिया था। बताते चलें कि निखत अंसारी को इसी वर्ष 11 फरवरी को उस समय गिरफ्तार किया गया था, जब वह अपने विधायक पति अब्बास अंसारी (Abbas Ansari) से मिलने के लिए अवैध तरीके से चित्रकूट जेल पहुंची थी। पुलिस को ऐसे इनपुट मिले थे कि निखत अंसारी अपने पति अब्बास अंसारी से मिलने आए दिन जेल में जाती थी और वहां जेल अधिकारियों की मदद से वह जेल में ठहरती भी है।
विधायक अब्बास अंसारी की नव-विवाहिता और उसके मासूम बच्चे का इतना भर दोष है कि मुसलमान हैं उन्हें एक साल से ज्यादा जेल में रखा गया।
मा0 सुप्रीम कोर्ट ने मानवीय आधार पर जमानत दी है। आज जेल से रिहा हो गयी।
देश में तानशाही है देश के 20 करोड़ मुसलमानों पर जुर्म और ज्यादती हो रही है। pic.twitter.com/bOeYjnrKW7
— I.P. Singh (@IPSinghSp) August 17, 2023
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चित्रकूट के DM और SP को इसकी जानकारी हुई तो जाल बिछाकर उसे गिरफ्तार किया गया था। अधिकारियों की टीम ने जब जेल में रेड किया तो निखत अंसारी आपने पति के साथ जेल के अंदर एक कमरे में थी, जबकि वह कमरा बाहर से बंद था और उसमें ताला लगा था। बाद में पता चला कि कुछ मिनट पहले तक इस कमरे में अब्बास अंसारी भी था, लेकिन रेड के ठीक पहले जेल अधिकारियों ने उसे बाहर निकाल दिया था। अधिकारियों ने निखत अंसारी की तलाशी कराई तो उसके पास से विदेशी करेंसी के अलावा मोबाइल फोन भी बरामद हुआ। डीएम-एसपी ने निखत की गिरफ्तारी के बाद प्रेस कांफ्रेंस कर मामले की जानकारी दी थी। उन्होंने बताया था कि जेल अधीक्षक अशोक सागर, जेलर संतोष कुमार और वार्डन जगमोहन ने निखत और अब्बास अंसारी को मिलाने के लिए रिश्वत लिए थे। इस मुलाकात में डिप्टी जेलर चंद्रकला की भी संलिप्तता थी।
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