Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा हैं, वहीं मंदिर प्रबंधन की तरफ से राम दरबार में आने वाले दर्शनार्थियों को किसी प्रकार की दिक्कत होने पाए इसकी व्यवस्था की जा रही है। राम मंदिर में इसके लिए कई तरह की व्यवस्थाएं की जा रही हैं। इसके अलावा पुजारियों की संख्या भी बढ़ाई जा रही है, जिससे श्रद्धालुओं को सहुलियत हो सके। बता दें कि श्रीराम मंदिर के लिए इस समय पुजारियों की भर्ती का काम चल रहा है। बीते दिनों अयोध्या में श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की तरफ से निर्माणाधीन राम मंदिर में पुजारी पद के लिए आवेदन मांगे गये थे। इसके बाद देशभर से तीन हजार से ज्यादा अभ्यर्थियों ने पुजारी पद के लिए आवेदन किया है। सभी की चाहत है कि श्रीराम मंदिर में पुजारी बनने का सौभाग्य मिले।

Ram Mandir

वहीं आए करीब तीन हजार अभ्यर्थियों के आवेदनों पर गौर करने के बाद उनमें से 200 को साक्षात्कार के लिए अयोध्या बुलाया गया है। इस संदर्भ में जानकारी देते हुए श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि ने बताया है कि ट्रस्ट को प्राप्त 3000 आवेदनों में से 200 अभ्यर्थियों को उनकी योग्यता के आधार पर साक्षात्कार के लिये चुना गया है और उन्हें ट्रस्ट की तरफ से साक्षात्कार के लिए बुलाया गया है। उन्होंने बताया कि साक्षात्कार के लिए तीन सदस्यीय पैनल बनाया गया है, जो इन चयनित अभ्यर्थियों से अयोध्या स्थित विश्व हिन्दू परिषद के मुख्यालय कारसेवक पुरम में साक्षात्कार कर रहा है। साक्षात्कारों के पैनल में वृंदावन के प्रसिद्ध हिंदू उपदेशक जयकांत मिश्रा और अयोध्या के दो महंत मिथिलेश नंदिनी शरण और सत्यनारायण दास शामिल हैं।

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श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि के मुताबिक, साक्षात्कार के जरिये पुजारी की नौकरी के लिए 20 उम्मीदवारों का चयन किया जाना है। उन्होंने बताया कि चयनित उम्मीदवारों को छह महीने के आवासीय प्रशिक्षण के बाद पुजारी के तौर पर नियुक्त किया जाएगा और राम जन्मभूमि में विभिन्न पदों पर तैनात किया जाएगा। इसके साथ ही प्रशिक्षण में भाग लेने वाले गैर-चयनित उम्मीदवारों को प्रमाण पत्र दिया जाएगा। जिन्हें भविष्य में सृजित होने वाले पदों पर भर्ती के लिए बुलाया जायेगा। गोविंद देव गिरि ने बताया कि साक्षात्कार के दौरान अभ्यर्थियों से संध्या वंदन क्या है, इसकी विधि क्या है और इस पूजा के मंत्र क्या हैं? भगवान राम की पूजा के लिए कौन-कौन से ‘मंत्र’ हैं और इसके लिए ‘कर्म कांड’ क्या हैं आदि सवाल पूछे जा रहे हैं।

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