नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की पुलिस कस्टडी में जिस तरह गोली मारकर हत्या हुई है, उससे पुलिस पर हर कोई सवाल उठा रहा है। हालांकि यह मर्डर मीडिया के सामने लाइव हुआ है। लेकिन इससे पहले ऐसी कई घटनाएं हो चुकी हैं, जिसमें पुलिस सुरक्षा के बीच अपराधी की हत्या हुई है। इन्हीं घटनाओं में एक कालीचरण उर्फ अक्कू यादव (Akku Yadav) का मार्डर शामिल है, जिसकी हत्या भरी अदालत में जज के सामने हुई थी। 19 साल पहले अक्कू यादव (Akku Yadav) नाम के दरिंदे की हत्या कोर्ट के अंदर महिलाओं ने की थी। उसके खिलाफ महिलाओं में इतना गुस्सा था कि उसका प्राइवेट पार्ट तक काट डाला गया था।

जानकारी के मुताबिक 13 अगस्त, 2004 को भरत कालीचरण उर्फ अक्कू यादव (Akku Yadav) को नागपुर की अदालत में पेश किया गया था। कालीचरण उर्फ अक्कू यादव एक सीरियल किलर था। सुनवाई के दौरान अक्कू यादव लोहे के दरवाजों में बंद था। उसके साथ केवल दो पुलिस कांस्टेबल थे। उसी दौरान 200 से 500 लोगों की भीड़ ने दूसरी तरफ से कोर्ट के लकड़ी के दरवाजे को तोड़ते हुए घुस गए। ये सभी लोग पत्थर, चाकू, कांच की बोतलें, मिर्च और कई तरह के हथियार लेकर कोर्ट के अंदर दाखिल हुए थे। सीरियल किलर कालीचरण उर्फ अक्कू यादव की दिनदहाड़े कोर्ट रूम में जज के सामने चाकू से काट कर हत्या कर दी गई। बता दें 13 अगस्त, 2004 को अक्कू यादव की जमानत की सुनवाई का दिन मुकर्रर था, लेकिन वही दिन उसकी मौत का दिन बन गया।

अदालत में क्या हुआ था?

कोर्ट में मामले की सुनवाई शुरू भी नहीं हुई थी कि आसपास के इलाकों में ये खबर फैल गई कि कालीचरण उर्फ अक्कू यादव को आज रिहा किया जा सकता है। पुलिस ने अक्कू यादव को तब तक हिरासत में रखने की योजना थी, जब तक कि सभी शांत नहीं हो जाते। लेकिन सैकड़ों महिलाओं ने हाथ में चाकू और मिर्च पाउडर लेकर मार्च करना शुरू कर दिया और देखते ही देखते कई महिलाएं कोर्ट रूम में घुस गई। कोर्ट की सामने वाली सीट पर महिलाओं ने कब्जा जमा लिया।

दोपहर करीब 2:30 से 3:00 बजे के बीच अक्कू यादव को अदालत में लाया गया। अदालत में पहुंचते ही अक्कू यादव की नजर एक महिला पर पड़ी। ये वही महिला थी जिसका उसने रेप किया था। महिला को देखते ही अक्कू यादव ने उसका मजाक उड़ाया और उसे वेश्या कहते हुए उसका फिर से रेप करने की धमकी दे डाली। यह सुनते ही पुलिस कॉस्टेबल कथित तौर पर हंसने लगे। वहीं सामने बैठी एक महिला ने अपने पैर से चप्पल निकाला और अक्कू यादव के सिर पर दे मारा। उसने कहा कि या तो वह उसे मार डालेगी या मैं ये कहते हुए मरूंगी कि हम दोनों इस धरती पर एक साथ नहीं रह सकते। महिला ने कहा, इस धरती पर या तो तू रहेगा या मैं रहूंगी।

इसके बाद अक्कू यादव (Akku Yadav) पर 200 से 400 महिलाओं की पूरी भीड़ टूट पड़ती। महिलाएं अक्कू यादव की कोर्ट रूम में ही पिटाई करना शुरू कर दिया। उस पर करीब 70 बार चाकू से वार किया गया और उसके चेहरे पर मिर्च पाउडर और पत्थर भी मारे गए। महिलाओं ने मिर्च पाउडर उन पुलिस अधिकारियों के चेहरे पर भी फेंक दिया था जो उसकी सुरक्षा में थे। रिपोर्ट्स की मानें तो एक पीड़िता ने अक्कू यादव के प्राइवेट पार्ट को काट डाला था। महिलाओं के आक्रोश को देखते हुए पुलिसकर्मी घटनास्थल से भाग गए। यह घटना नागपुर जिला अदालत संख्या 7 में अदालत कक्ष के फर्श पर हुई थी।

कौन था कालीचरण उर्फ अक्कू यादव (Akku Yadav)

गौरतलब है कि भरत उर्फ अक्कू कालीचरण यादव 1980 और 1990 के दशक के दौरान नागपुर में गैंगस्टर था। वर्ष 2005 में प्रकाशित कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइट्स इनिशिएटिव रिपोर्ट (सीएचआरआई) के मुताबिक अक्कू यादव की हत्या के समय उस पर 26 आपराधिक मामले दर्ज थे। वह दूधियों के परिवार से था। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अक्कू यादव छोटे-मोटे अपराधों से जुड़ने के बाद वर्ष 1991 में गंभीर आपराधिक गतिविधियों में शामिल हो गया था। अक्कू यादव पर गैंग रेप, हत्या, सशस्त्र डकैती, घर तोड़ना, आपराधिक धमकी और जबरन वसूली जैसे गंभीर अपराध दर्ज थे।

अक्कू यादव का आतंक राज

वर्ष 1971 में जन्में अक्कू यादव ने तीन हत्याएं की थी। लोगों को प्रताड़ित करना उसकी आदत हो गई थी। अपहरण करना, लोगों की जमीनें हड़पना अक्कू का पेशा बन गया था। उसने 40 से अधिक महिलाओं और लड़कियों का रेप किया था। वह पुलिस को रिश्वत देने के साथ समय-समय पर पैसे और महंगी शराब भेजवाता था, जिससे पुलिस वाले उसके गुलाम बन चुके थे। अक्कू यादव कस्तूरबा नगर में रहने वाले परिवारों, ज्यादातर दलितों को प्रताड़ित करता था। पैसे की मांग करते हुए जबरदस्ती घरों में घुसना, लड़कियों और महिलाओं के साथ दुष्कर्म करना उसके लिए आम था।

एक रिपोर्ट्स के मुताबिक बस्ती वालों के लिए रेप जैसी घटना आम हो गयी थी। दुष्कर्म की घटना बस्ती वालों को हर बार अपमानित कर रही थी। कस्तूरबा नगर के निवासियों का कहना था कि उस दौरान झुग्गी के हर दूसरे घर में एक दुष्कर्म पीड़िता थी। अक्कू यादव पुरुषों पर धौंस जमाने के लिए महिलाओं का इस्तेमाल करता था। महिलाओं का रेप कर पुरुषों को काबू में रखता था। कहा यह भी जाता है कि अक्कू यादव ने अपने गुर्गों को आदेश दिया था कि वे 12 साल से कम उम्र की लड़कियों का भी गैंग रेप करें।

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अक्कू यादव के खिलाफ कई दुष्कर्म पीड़िताओं ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन पैसों पर बिक चुकी पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। जुर्म इंतेहा इसी से समझा जा सकता है कि अक्कू यादव और उसके गुर्गों ने एक महिला के साथ बच्चा जन्म देने के दस दिन बाद गैंगरेप किया था। उसके बाद कलमा नाम की उस पीड़िता ने आत्महत्या कर ली। कलमा ने खुद को कैरोसिन डालकर जला डाला था। अक्कू यादव के गिरोह ने एक अन्य महिला का रेप उस समय किया था जब वह सात माह की गर्भवती थी। अक्कू गैंग ने महिला को निर्वस्त्र कर सरेआम सड़क पर उसके साथ गैंगरेप किया था। अक्कू यादव को करीब 14 बार गिरफ्तार किया गया था, लेकिन हर बार वह रिहा हो जाता था।

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