जिंदगी के हर मुकाम में है वो जीती।
कभी नहीं वो हारी है।।
कभी दुर्गा, लक्ष्मी कभी वो मां काली।
अनेक रूप है उसके वो एक नारी है।।
कभी लक्ष्मी के रूप में पूजा उसे।
कभी डायन कह के किया बदनाम।।
बहुत सह ली प्रताड़ना अब नहीं सहेगी।
ज़माने की इन बंदिशों में वो अब नहीं रहेगी।।
हृदय में है ममता तो क्या हुआ कमजोर नहीं है हम।
अब सोच बदलो यारो औरतें नहीं है अब आदमियों से कम।।
इस देश की महिलाओं ने मिलकर है ये ठाना।
अपनी काबिलियत से कर लेगी एक दिन मुट्ठी में ये ज़माना।
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