UP Global Investors Summit-2023: देश के प्रधानमंत्री का संकल्प है कि जब देश वर्ष 2047 में अपनी आजादी का शताब्दी वर्ष मनाये तो एक विकसित राष्ट्र के रूप में मनाये। राष्ट्र को विकसित एवं समृद्ध करने के बारे में आचार्य चाणक्य ने कहा था कि राज को समृद्ध बनाना हो तो अपने महाजनों (व्यापारी वर्ग) को संरक्षण देना होगा, इसलिए अपने राज्य की समृद्धि एवं खुशहाली के लिए उद्योगपतियों, व्यापारियों को हर तरह से संरक्षण प्रदान करना होगा। इससे राज्य को कर के रूप में आय होगी एवं लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। इस प्रकार संविधान में की गई कल्याणकारी राज्य की संकल्पना को साकार करते हुए विकास के पथ पर तेजी से आगे बढ़ सकेंगे। उन्होंने कहा कि उद्यमियों एवं निवेशकों को संरक्षण देने की यह क्षमता उत्तर प्रदेश में मौजूद है।

केन्द्रीय मंत्री स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मनसुख माण्डविया यूपीजीआईएस-2023 (UPGIS23) के दूसरे दिन भारद्ववाज पण्डाल में ‘हेल्थ केयर थ्रू इन्वेस्टर्स लेन्स पोस्ट कोविड सेनेरियो’सत्र को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की धरती चरक और सुश्रुत की धरती है जो न सिर्फ देश अपितु चिकित्सा क्षेत्र में पूरी दुनिया को राह दिखाती है। कहा कि राज्य में निवेश के लिए जो एक अच्छा इकोसिस्टम बना है उसका श्रेय केन्द्र में पीएम मोदी और राज्य में सीएम योगी की डबल इंजन की सरकार को जाता है। उन्होंने कहा कि केन्द्र में पीएम मोदी के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद स्टार्टअप्स एवं स्टैण्डअप्स पॉलिसी के कारण देश में आज हजारों की संख्या में उपक्रम कार्य कर रहे हैं।

उन्होंने निवेशकों को आश्वस्त किया कि सरकार उनके निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए उचित वातावरण उपलब्ध करायेगी। कार्यक्रम में प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि उत्तर प्रदेश आबादी के लिहाज से सबसे बड़ा राज्य है और यह अकेले ही कई देशों से बड़ा है इसलिए यहां चिकित्सा के हर क्षेत्र में निवेश को उचित बाजार मिलेगा।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार प्रदेश के सभी जनपदों में मेडिकल कॉलेज खोलने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रही है, इसे शीघ्र पूरा कर लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के कुशल शासन के कारण इस सत्र में हमें चिकित्सा क्षेत्र में 73 कम्पनियों से 54327.84 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव में मिले जिनके साथ हमारा एमओयू हस्ताक्षरित हो गया है। इसी तरह चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में लगभग 17 हजार 500 करोड़ के 112 एमओयू हस्ताक्षरित हुए हैं।

इनमें 13 मेडिकल विश्वविद्यालय 20 मेडिकल कालेज, 68 पैरामेडिकल डेन्टल एवं नर्सिंग कालेज, 10 फार्मेसी कालेज और कुछ क्लीनिकल ट्रायल के लिए एमओयू हुए हैं। इन एमओयू के हस्ताक्षरित होने से प्रदेश के चिकित्सा क्षेत्र में गुणोत्तर विकास के साथ चिकित्सा स्वास्थ्य के क्षेत्र में 1 लाख 47 हजार 547 लोगों को तथा चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में 76 हजार लोगों को रोजगार प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में भी चिकित्सा के क्षेत्र में हमारी प्रगति नहीं रूकी। हमने न सिर्फ जीवन बचाने के साथ आर्थिक विकास को भी बनाये रखा।

कार्यक्रम में चिकित्सा राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने कहा कि चिकित्सा क्षेत्र में निवेश के दौरान निवेशक चिकित्सकीय उपकरणों के निर्माण के लिए विशेष रूप से कार्य करें। प्रमुख सचिव चिकित्सा पार्थसारथी सेन शर्मा ने निवेशकों का स्वागत करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में उनका निवेश पूरी तरह संरक्षित एवं सुरक्षित है। राज्य सरकार हस्ताक्षरित एमओयू को तत्काल धरातल पर उतारने के लिए कार्य करेगी। प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार ने कहा कि उत्तर प्रदेश में प्रशिक्षण शोध और आविष्कार के लिए उच्चस्तरीय संस्थान एवं पर्याप्त संसाधन उपलब्ध हैं। हमारे निवेशक बन्धु यहां अपने निवेश को विस्तार दे सकेंगे।

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मेदांता मेडिसिटी के प्रबंध निदेशक नरेश त्रेहान ने उत्तर प्रदेश को अपनी पेशागत जन्मभूमि बताते हुए कहा कि मैंने केजीएमयू से ही अपनी शिक्षा ग्रहण की। मैं हमेशा से उत्तर प्रदेश के लोगों के स्वास्थ हेतु कार्य करना चाहता था। देर से ही सही, लेकिन हमने उत्तर प्रदेश में कार्य शुरू किया, उन्होंने कहा कि मेदांता ग्रुप लखनऊ के बाद गौतमबुद्ध नगर में भी अस्पताल शुरू करने जा रहा है। डॉ. लाल पैथ के ओमप्रकाश मनचंदा ने कहा कि कोविड काल में लाल पैथ ने पूरे देश में उत्कृष्ट कार्य किया। हमें सरकार से सरल एवं उदार लाइसेंसिंग नीति की अपेक्षा होगी।

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