राघवेंद्र प्रसाद मिश्र

UP Election 2022: राजनीति में कोई किसी का सगा नहीं होता। दोस्ती और दुश्मनी दोनों मौके पर निर्भर करते हैं। यूपी विधानसभा का चुनावी माहौल चल रहा है। नेता एक दल से दूसरे दल में सुरक्षित सीट की तलाश कर रहे हैं। वहीं कुछ ऐसे दिग्गज नेता भी है जो अपने बेटों को राजनीति में सेट करना चाह रहे हैं। राजनीति में परिवारवाद की विरोधी भाजपा (BJP) को अब अपनों के विरोध का सामना करना पड़ा रहा है। बेटे को टिकट न दिए जाने से नाराज योगी सरकार में मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य न जहां पार्टी छोड़ सपा (Samajwadi Party) का दामन थाम लिया है, वहीं रीता बहुगुणा जोशी (Rita Bahuguna Joshi) के बेटे मयंक जोशी (Mayank Joshi) के समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) में जाने की चर्चाएं तेज हो गई हैं।

गौरतलब है कि बीते दिनों रीता बहुगुणा जोशी (Rita Bahuguna Joshi) ने लखनऊ कैंट सीट (Lucknow Cant Assembly Constituency) से बेटे मंयक जोशी (Mayank Joshi) को प्रत्याशी बनाने के लिए भाजपा से पेशकश की थी। लेकिन बीजेपी ने अभी तक अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है, जिसको देखते हुए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि बीजेपी मयंक जोशी को प्रत्याशी बनाने के मूड में नहीं है। वहीं अपर्णा का पार्टी में शामिल कराए जाने का बदला लेने के लिए समाजवादी पार्टी मयंक जोशी पर डोरे डाल रही है। राजनीतिक जानकारों की मानें तो सपा जल्द मयंक जोशी को पार्टी में शामिल करा सकती है। बता दें कि रीता बहुगुणा जोशी बीते दिनों स्पष्ट कर दिया था कि मंयक जोशी फैसले लेने में सक्षम हैं। आगे उन्हें क्या करना है, इसका फैसला उन्हें खुद करना है।

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बताते चलें​ कि रीता बहुगुणा जोशी वर्ष 2017 में कांग्रेस का दामन छोड़कर भाजपा में शामिल हो गई थीं, जिसके चलते कैंट विधानसभा सीट का चुनावी गणित बदल गया था। हालांकि अब उन्हें राजनीति में अपने बेटे मंयक जोशी का स्थापित करना है। इसके लिए वह लंबे समय से लॉबिंग भी कर रही हैं। ऐसे में सफलता मिलती नजर न आते देख अब उनके पास कोई और रास्ता नहीं बचता नजर आ रहा है।

कौन हैं मयंक जोशी

टिकट बंटवारे के साथ ही मयंक जोशी की चर्चाएं भी काफी तेज हो गई हैं। लोगों को पता है कि मयंक जोशी रीता बहुगुणा जोशी के बेटे हैं। लेकिन राजनीति में उनका योगदान क्या है? वह करते क्या हैं, इसे कोई जानना चाह रहा है। ऐसे में बता दें कि मयंक जोशी पढ़ाई पूरी करने के बाद मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी भी कर चुके हैं। वह 12 वर्षों से समाजसेवा के कार्य करते आ रहे हैं। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान मां रीता बहुगुणा जोशी के चुनाव प्रचार के साथ ही राजनीति में काफी सक्रिय हो गए। इतना ही नहीं वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने भाजपा के लिए चुनाव प्रचार किया था। वर्ष 2019 में हुए विधानसभा उप चुनाव में मयंक जोशी को प्रत्याशी बनाने की बात उठी थी, लेकिन भाजपा ने उनकी जगह सुरेश तिवारी को मैदान में उतार दिया था।

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