गौरव तिवारी

नई दिल्ली: वर्ष 2014 में केंद्र में मोदी सरकार के आने के बाद से देश में कोई बड़ा घोटाला सामने नहीं आया है। हालांकि विपक्ष की तरफ से घोटाले के आरोप लगाकर केंद्र की मोदी सरकार को बदनाम करने की खूब साजिश हुई। लेकिन इन आरोपों को न तो जनता ने स्वीकार किया और न ही विपक्ष साबित कर पाया। वहीं देश में एक बड़ा बदलाव और देखा जा रहा है। भ्रष्टाचार और घोटालों के आरोपों के चलते धीरे-धीरे खात्मे की तरफ बढ़ रही कांग्रेस पार्टी को बीजेपी सरकार के हर काम में भ्रष्टाचार नजर आता है। 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस जहां राफेल फाइटर जेट खरीद में मोदी सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर चुनावी हथियार बनाने की कोशिश की थी, वहीं पीएम मोदी की बेदाग वाली छवि के सामने कांग्रेस का यह हथियार बेकार साबित हुआ। इसी तरह इस समय देश के 5 राज्यों में चल रहे चुनावों के बीच जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस खरीद का मामला सामने आया है।

अमेरिकी अखबार में पेगासस खरीद का मामला छपते ही कांग्रेस मोदी सरकार पर हमलावर हो गई है। कांग्रेस नेता ने अमेरिकी अखबार में पेगासस पर छपे लेख को शेयर करते हुए मोदी सरकार पर देशद्रोह का आरोप तक लगा दिया है। कांग्रेस के इस आक्रामक रुख को देखते हुए ऐसा लगा रहा है कि पार्टी पांच राज्यों में चल रहे विधानसभा चुनावों में इस बार पेगासस के मुद्दे को लेकर चुनाव लड़ेगी। वैसे भी कांग्रेस के पास कोई ठोस स्थानीय मुद्दा नहीं है। वहीं कांग्रेस इतना दिग्भ्रमित हो चुकी है कि वह ठोस मुद्दों की जगह हवा-हवाई मुद्दों पर चुनाव में उतरती है। शायद इसी का नतीजा है कि चुनाव परिणाम में कांग्रेस अक्सर हवा हो जा रही है।

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अमेरिकी अखबार न्यूयार्क टाइम्स ने एक लेख में दावा किया है कि वर्ष 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इजराइल के यात्रा के दौरान यहां के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू से 2 बिलियन डॉलर में रक्षा सौदे में जासूसी साफ्टवेयर पेगासस की भी खरीद की थी। यह साफ्टवेयर जासूसी के काम में आता है। हालांकि कांग्रेस मोदी सरकार पर पहले से भी जासूसी के आरोप लगाती आ रही है। वहीं न्यूयार्क टाइम्स के खुलासे के बाद कांग्रेस को चुनाव से पहले भाजपा सरकार पर हमला बोलने का नया हथियार मिल गया है। शायद यही वजह है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी बिना देर किए ट्वीट किया है कि मोदी सरकार ने हमारे लोकतंत्र की प्राथमिक संस्थाओं, राजनेताओं व जनता की जासूसी करने के लिए पेगासस खरीदा था। फोन टैप करके सत्ता पक्ष, विपक्ष, सेना, न्यायपालिका सबको निशाना बनाया है। ये देशद्रोह है।

राहुल गांधी को लगने लगा है कि पेगासस साफ्टवेयर के मामले से अब वह मोदी सरकार के खिलाफ हवा बनाने में सफल हो जाएंगे। तो ऐसे में उन्हें यह सोचना चाहिए कि नोटबंदी और जीएसटी के मामले में क्या हुआ। नोट बंदी के दौरान राहुल गांधी के फटे कुर्ते में एटीएम की लाइन में लगने के बावजूद भी मोदी सरकार को प्रचंड बहुमत मिला। कांग्रेस को समझना होगा कि जनता नौटंकी नहीं, काम पसंद करती है। ऐसे में उसे अपनी सोच बदलनी चाहिए। क्योंकि देशद्रोहियों की जासूसी से देश की जनता को कोई फर्क नहीं पड़ता। हालांकि केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने खबर का खंडन करते हुए इसे साजिश करार दिया है।

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