प्रकाश सिंह

लखनऊ: कहते हैं कि अतीत कभी पीछा नहीं छोड़ता। स्वच्छ राजनीति की बात वैसे तो हर राजनीतिक दल करते हैं, अपराधियों और राजनीतिक दलों के बीच क्या रिश्ता है, वह भी जगजाहिर है। कड़वा सच यह है कि अधिकतर अपराधी खुद को सुरक्षित करने के लिए राजनीति में आते हैं। तो कुछ ऐसे भी हैं जिन्हें राजनीतिज्ञों का संरक्षण प्राप्त होता है। शायद यही वजह है कि नेताओं के खिलाफ जाते ही अपराधियों का कच्चा चिट्ठा सामने आने लगता है। अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट केस में कोर्ट ने 49 लोगों को दोषी मानते हुए 38 को मौत और 11 को उम्र कैद की सजा सुनाई है। कोर्ट के इस फैसले से देश में जहां खुशी का माहौल है, वहीं उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बीच समाजवादी पार्टी एकबार फिर कठघरे में खड़ी हो गई है।

दरअसल, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की एक तस्वीर सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें वह अहमदाबाद सीरियल बम ब्लास्ट के 49 दोषियों में से एक मोहम्मद सैफ के पिता शादाब अहमद के साथ नजर आ रहे हैं। शादाब अहमद समाजवादी पार्टी के नेता भी हैं। इस तस्वीर के सामने आने के बाद बीजेपी सपा पर हमलावर हो गई है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रेस कांफ्रेंस कर अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने सपा से सवाल किया कि एक आतंकी के पिता के साथ यह कैसा रिश्ता, क्या उन्हें बिरयानी पर बुलाया था।

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गौरतलब है कि आतंकियों के साथ सहानुभूति को लेकर सपा हमेशा सवालों के घेरे में बनी रहती है। वहीं चुनाव के दौरान आतंकी के पिता के साथ अखिलेश यादव की तस्वीर ने यूपी की सियासत में खलबली मचा दी है। अनुराग ठाकुर ने कहा है कि अहमदाबाद सीरियल बम ब्लास्ट का तार उत्तर प्रदेश में सीधे समाजवादी पार्टी से जुड़े हैं। कोर्ट का फैसला आने के बाद सपा नेताओं की चुप्पी बता रही है कि आतंकियों को किस तरह सपा का संरक्षण मिला हुआ है। फिलहाल चुनाव के बीच यह मुद्दा समाजवादी पार्टी का सिरदर्द बनाने वाली है।

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